जामताड़ा. जिले में 11 प्लस टू राजकीय कृत स्कूलों के लिये स्वीकृत 121 शिक्षकों के पदों पर मात्र 31 शिक्षकों की नियुक्ति हो पाई है. मालूम हो कि इसी साल छह विद्यालय में प्लस टू की पढ़ाई की व्यवस्था(उत्क्रमित) की गई है. जबकि पांच स्कूल पिछले चार साल से चल रहे हैं.
सभी उत्क्रमित स्कूलों में प्रत्येक के लिये 11 शिक्षकों की नियुक्ति करने का प्रावधान किया गया था. करीब तीन साल पहले प्रखंड स्तर पर चलने वाले पांच राजकीयकृत उच्च विद्यालयों का उत्क्रमण कर प्लस टू का दर्जा दिया गया था. इनमें जेबीसी प्लस टू विद्यालय जामताड़ा, राजकीयकृत उच्च विद्यालय नारायणपुर, उच्च विद्यालय नाला, उच्च विद्यालय फतेहपुर व राजकीय कृत उच्च विद्यालय मिहिजाम शामिल हैं. यहां करीब चार हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. इन पांचों विद्यालयों में भी प्रत्येक में पांच से कम शिक्षकों की नियुक्ति की गई है.
वहीं, जिले में राज्यकीयकृत उच्च विद्यालय बागडेहरी, अफजलपुर, फतेहपुर, मंझलाडीह, प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय चैनपुर व रागुरागु उच्च विद्यालय करमाटांड़ में छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जा रहा है. जबकि उक्त विद्यालयों में प्लस टू स्तरीय शिक्षकों की पदस्थापन नहीं की गई है.
जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी नारायण विश्वास ने माना कि उच्च विद्यालयों में भी शिक्षकों की काफी कमी है. उन्होंने कहा, “प्लस टू विद्यालयों में महज 31 शिक्षकों का पदस्थापन हुआ है जो आवश्यकता के अनुपात में कम है. सरकार से इस संबंध में नियमित पत्राचार किया जा रहा है लेकिन जिले को शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाया है. छात्रों का पठन-पाठन व्यवस्था सुचारू रखने माध्यमिक शिक्षकों से कक्षा करवाई जा रही है.”
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि मध्य विद्यालय में उच्च योग्यताधारी शिक्षकों की पहचान की जा रही है. प्रक्रिया पूरी करने के बाद इन शिक्षकों को उत्क्रमित विद्यालयों में बहाल किया जायेगा.