नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल विहारी बाजपेयी 25 दिसंबर को 93 साल के हो गए हैं. जन्मदिन के मौके पर उन्हें देशभर से शुभकामनाएं मिल रही हैं. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बीजेपी नेता वाजपेयी से मिलने उनके घर पहुंचे.
इसके अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी. अटल विहारी बाजपेयी लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. जिसके वजह से वह काफी समय से घर से बाहर भी नहीं निकले हैं.
हमारे अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 25, 2017
कई जगह हवन हुआ
जहां कई दिग्गज बीजेपी नेता अटल के घर उनसे मिलने पहुंचे. वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग शहरों में हवन का आयोजन किया. बनारस और कानपुर में भी कार्यकर्ताओं ने हवन किया.
कुशल राजनेता
25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल विहारी वाजपेयी देश के पहले ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने पहली बार गठबंधन की सरकार बनाई. इसके अलावा वह पहले ऐसे सांसद बने जिन्हें उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली से चुना गया.
बेहतर कवि
अटल विहारी वाजपेयी एक नेता के साथ-साथ एक ऐसे कवि भी थे जिनकी लिखी हुई पंक्तियों को हमेशा याद रखा जाएगा. ऐसी ही उनकी एक कविता है “बाधाएं आती हैं आएं, घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों में हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा. कदम मिलाकर चलना होगा.”
एक कविता में वो लिखते हैं “आओ फिर से दिया जलाएं, भरी दुपहरी में अंधियारा, सूरज परछाई से हारा, अंतरतम का नेह निचोड़ें-बुझी हुई बाती सुलगाएं. आओ फिर से दिया जलाएं”
नेहरू की तस्वीर लगवाई
साल 1977 में वाजपेयी ने विदेश मंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाला. दफ्तर में अधिकारियों से नेहरू की तस्वीर हटवा दी थी. उन्हें यह सोचा था कि शायद इस यह तस्वीर वाजपेयी को न पसंद आए. लेकिन जब अटल कार्यभार संभालने दफ्तर पहुंचे तो उन्होंने यह नोटिस किया कि दीवार से नेहरू की तस्वीर गायब है. जिसके बाद उन्होंने अपने सचिव से इस बारे में पूछा और नेहरू की तस्वीर को दोबारा उसी जगह पर लगाने को कहा.
‘गुजरात में हुई गलती’
वाजपेयी अपनी बेबाक बात के लिए जाने जाते हैं. कई मामलों पर उन्होंने अपनी ही पार्टी को सुझाव देने में कोई हिचक नहीं दिखाई. गुजरात में हुए दंगे के बाद उन्होंने तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को नसीहत देते हुए कहा था ‘उन्हें राजधर्म का पालन करना चाहिए था.’
इसके अलावा खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने कहा भी गुजरात का जिक्र करते हुए एक टीवी चैनल को बताया था कि गुजरात दंगों को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ग़लत बताया था.