सियालगुदरी(धनबाद). मुखिया के द्वारा खुद से ही अनुशंसा करने के बाद लाभुक बनकर 14 लाख की लागत से अपने ही जमीन पर बने तालाब का जिर्णोध्दार करवाने का मामला सामने आया है. धनबाद प्रखंड के सियालगुदरी पंचायत के मुखिया दीपक सिंह ने बाबूबांध तालाब का जिर्णोद्धार बिना आमसभा करवाये कर लिया. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत उपायुक्त से की है.
अधिवक्ता मजहर अली खां के आरटीआई के जवाब में पता चला कि मई की 17 और 25 तारीख को सियालगुदरी पंचायत में दो आमसभा का आयोजन किया गया था. जिसमें सियालगुदरी मुखिया ने स्वयं ही कार्य योजना की अनुशंसा की. इसके साथ ही बैठक की अध्यक्षता भी मुखिया के द्वारा की गई. नियमों को ताक पर रखते हुये जनप्रतिनिधि होने के बावजूद वे योजना का लाभुक भी बन गये.
मुखिया दीपक सिंह चौधरी ने बताया कि पंचायती राज के नियमों की जानकारी उन्हें योजना के पूर्व में नहीं थी. जिसकी वजह से यह गलती हुई है. उन्होंने कहा, “तालाब निर्माण से लाभान्वित होने वाले किसानों में मैं खुद हूं. तालाब के सिंचित क्षेत्र में मेरी 62.5 एकड़ जमीन है. मैंने ईमानदारी से काम कराया है. पूरी राशि का भुगतान भी नहीं हुआ है.” मालूम हो कि पंचायती राज के नियमों के तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधि लाभुक नहीं बन सकते हैं.