रामपुर बुशहर (शिमला). हिमाचल प्रदेश जलरक्षक यूनियन मंडल रामपुर की बैठक मंगलवार को अध्यक्ष राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई. जिसमें कहा कि प्रदेश में करीब 6300 जल रक्षकों में उनके लिए स्थाई नीति न बनने से रोष है. जबकि 27 सितंबर 2017 को जल रक्षकों का मानदेय 1700 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये करने और स्थाई नीति बनाने के लिए भी मंजूरी कैबिनेट से मिल चुकी थी, लेकिन इसकी अधिसूचना जारी नहीं हो पाई.
इसके साथ जल रक्षकों ने कहा कि यदि जल्द ही जल रक्षकों को मानदेय नहीं दिया गया तो वह जल्द ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
बैठक में विस्तार से चर्चा की गई
जिससे जल रक्षकों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. बैठक में जल रक्षकों से जुड़े मुद्दों और मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. जल रक्षकों की कार्यप्रणाली और कार्य करने की समय सीमा के संबंध में अधिशासी अभियंता रामपुर से जल रक्षकों ने लिखित ब्यौरा लेने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने सितंबर महीने में जल रक्षकों को वेतन बढ़ोतरी और स्थाई नीति बनाने की घोषणा की थी, लेकिन कई महीने का समय बीत जाने के बाद भी अधिसूचना जारी नहीं हो पाई.
जल रक्षकों से कार्य में प्रतिदिन जल स्रोतों की देख रेख और दौरा करने के साथ साथ पेयजल स्टोर टैंकों की साफ सफाई करना और भंडारण जैसे प्रमुख कार्य हैं. अधिकतर क्षेत्रों में विभाग के फिटर की कमी के चलते सारा काम उन्हें के द्वारा निपटाया जा रहा है.
बावजूद इसके जल रक्षकों को बीते नौ महीने से मानदेय की अदायगी नहीं हो पाई है, जिस कारण जल रक्षकों को अपने परिवार का भरण पोषण करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.
बैठक में उपाध्यक्ष मुकंद लाल, सिंघी राम, धर्मपाल मल्होत्रा, संदीप कुमार नेगी, राजकुमार, रूप सिंह, राजकमल जिष्टू, राकेश कुमार, अरविंद कुमार, राजेंद्र कुमार, डिंपल नेगी, कपिल देव, ललित मोहन, प्रकाश चंद, रिंकू राम, इश्वर लाल, राजू राम, भजन दास, रमेश कुमार, महेंद्र सिंह, हरबंस लाल, यशवंत कुमार, लायक राम, भगवान दास, मनोज कुमार, दलीप कुमार, यशपाल और अन्य सदस्य उपस्थित रहे.