नई दिल्ली. दलित नेता और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी सहित 18 छात्र नेता संसद मार्ग पर पहुंच चुके हैं. हालांकि रैली में कम लोग पहुंचे हैं और काफी कुर्सियां खाली रह गयी हैं. रैली को संबोधित करते हुये छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि हमारी रैली में भीड़ नहीं होती है. लेकिन हमलोग क्रांति करने वाले लोग हैं. उन्होंने कहा कि हमारे लिये हमारा धर्म संविधान है. हमें लोकतंत्र के रास्ते चलना है.
कन्हैया ने कहा कि बची-खुची गुलामी को खत्म करने के लिये हम रैलियों का तांता लगा देंगे. उन्होंने कहा कि हमने पैसे से लोगों को लेकर नहीं आये हैं. युवा हुंकार रैली को देखते हुये दो हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग पर रैली करने की अनुमति नहीं दी थी.
बोलने का मौका नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण
रैली की अनुमति नहीं मिलने पर जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि सरकार हमपर हमले करवा रही है, एक चुने हुये प्रतिनिधि को बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा, “बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार हमें बोलने नहीं दे रही है, इस देश में दलित सहित किसी भी जाति या धर्म के लोगों पर जाति और धर्म के नाम पर अत्याचार नहीं होना चाहिये.”
पुलिस ने कहा है कि गणतंत्र दिवस को लेकर इस जगह पर पहले ही सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त चौकसी अपनाई जा रही है. पुलिस उन्हें रोकने की पूरी कोशिश करेगी. अगर मेवाणी और उनके साथ आये लोग आदेश को नहीं मानते हैं तो उनपर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. भीड़ को नियंत्रित करने के लिये वाटर कैनन लगाये गये हैं. एहतियात के तौर आसपास के मेट्रो का आवागमन बंद कर दिया गया है.
मेवाणी ने एक दिन पहले ट्वीट किया था कि रैली में कम लोग आये इसलिये रैली स्थगन की अफवाह उड़ायी जा रही है. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की रिहाई के साथ-साथ शिक्षा के अधिकार, रोजगार, रोजी-रोटी और जेंडर जस्टिस की मांग को लेकर रैली का आयोजन किया जा रहा है.