बिलासपुर. हिमाचल प्रदेश राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व राज्य अध्यक्ष राम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ चल रहे केस के कारण वे बौखला गये हैं. वहीं पार्टी में मचे अंदरूनी कलह के कारण अपना संयम खो चुके हैं.
जिस मनकोटिया को उन्होंने स्वयं पर्यटन निगम का उपाध्यक्ष बनाया था. उसके बाद वीरभद्र सिंह के खिलाफ तथ्यों पर आधारित बयानबाजी करने पर उसे हटा दिया गया. सच्चाई तो यह है कि मुख्यमंत्री अपने विरुद्ध चली जांचों व केसों के कारण इतने बदनाम हो गए हैं कि उनका सातवीं बार मुख्यमंत्री बनना तो दूर उनका और उनके परिवार के सदस्यों का विधानसभा चुनाव में जीत पाना कठिन होगा.
कर्मचारियों, मजदूरों व पेंशनरों को चुनावी वादे के अनुसार पंजाब स्तर पर वेतन भत्ते नहीं दिए गए. बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर ठगा गया. इस समय इन वर्गो के चिकित्सा बिलों तक का भुगतान नहीं किया जा रहा है और अधिकांश लाभ छीन लिए गए हैं. इसलिए अब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार निश्चित है, जिसके लिए कोई और नहीं बल्कि स्वयं मुख्यमंत्री उत्तरदायी होंगे.