बिलासपुर. फोरलेन विस्थापित समिति ने मांग की है कि समिति और निर्माण कंपनी के मध्य हुए समझौते को लागू करना सुनिश्चित किया जाए और सड़क निर्माण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध करवाने और रास्तों ,सडकों सहित अन्य सभी जन- सुविधायों को बहाल करने के सख्त आदेश दिए जाए ताकि विस्थापितों और प्रभावितों को आ रही दैनिक कठिनाइयों और समस्याओं से छुटकारा मिल सके.
हर पल दुर्घटना का भय बना रहता है
बिलासपुर में यह जानकारी समिति के प्रधान राम सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से अधिक समय से फोरलेन सड़क का कार्य ठप्प पड़ा हुआ है और क्षेत्र की सभी सड़कें और रास्ते बुरी तरह से टूट-फूट गए हैं, जिस कारण लोगों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. छोटे दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाने कठिन हो गए हैं और हर पल दुर्घटना का भय बना रहता है.
पनोह में कई दिनों से पेयजल उपलब्ध न होने से ग्रामीण बुरी तरह से तंग हैं और दूर-पार से पानी धोने को विवश हैं.गांव में लगाया गया हैंड पम्प खराब हो गया है और लोगों की बार बार की मांग के बावजूद भी न तो हैण्ड पम्प की ही मुरम्मत की गई है और न ही पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है.
रामसिंह ने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व उपायुक्त को भी अवगत करवाया था किन्तु उनका स्थानांतरण होने के बाद अब नए उपायुक्त आये हैं, इसलिए शीघ्र ही उनसे एक शिष्टमंडल मिला कर विस्थापितों की समस्याओं से अवगत करवाया जाएगा. उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार द्वारा फोरलेन सडक निर्माण के लिए अधिगृहीत की जाने वाली भूमि का मुवावजा फेक्टर दो के अधीन चार गुना दिया जाना निश्चित किया है ,जिसे यहां हिमाचल में भी लागू किया जाए और सभी विस्थापितों को उनकी भूमि और मकानों आदि का मुवावजा चार गुना दिया जाए. यह सारी धन राशि केंद्र सरकार द्वारा वहन की जानी है और प्रदेश सरकार को मात्र अपनी सहमति देनी है.