शिमला. कोटखाई गैंगरेप और हत्या मामले में प्रदेश सरकार ने आखिर में सीबीआई जांच करवाने का फैसला ले लिया है. लोगों के गुस्से और दबाव को देखते हुए वीरभद्र सरकार को मजबूरन यह फैसला लेना पड़ा. कुल्लू दौरे से वापस लौटने के बाद सीएम वीरभद्र सिंह ने ताजा हालात की जानकारी ली और मामले को सीबीआई के हवाले करने का फैसला लिया है.
अब यह मामला हिमाचल पुलिस के हाथों से सीबीआई के पास चला जाएगा. लोगों का आरोप था कि पुलिस इस मामले में हाईप्रोफाइल लोगों को बचा रही है. शुक्रवार को सुबह से ही ठियोग, कोटखाई और दूसरी जगहों पर इस मामले में लोग प्रदर्शन कर रहे थे. जिसके बाद सरकार पर दबाव बढ़ता गया.
पुलिस की जांच पर भी लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. लोग आरोप लगा रहे हैं कि इस मामले में कुछ बड़े लोगों को बचाया जा रहा है और छोटे लोगों को बलि का बकरा बनाया गया है. हालांकि एसआईटी बनने के 51 घंटे बाद ही पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस की जांच पर लोगों के सवाल
1. जब चार जुलाई को गुड़िया की मौत हो गई थी, तो छह जुलाई तक जंगल में जानवरों से लाश कैसे बची रही?
2. शव के साथ अगर उसके कपड़े रखे गए थे तो बारिश होने के बावजूद वे सही सलामत कैसे थे?
3. अगर दो दिन तक लाश वहां पड़ी थी तो उसके हाथ-पैर और पूरा शरीर बिलकुल साफ-सुथरा कैसे था?
4 दुराचार के दौरान छटपटाहट की वजह से उसके हाथों और शरीर में मिट्टी क्यों नहीं लगी?
5 जो दो नेपाली पकड़े गए, उनके डेरे से घटनास्थल की दूरी करीब 200 मीटर है, ये सवाल उठता है कि नेपालियों ने हत्या की होती तो वे वहां शव क्यों फेंकते?
6 भीषण कांड को अंजाम देने के बाद नेपाली भागे क्यों नहीं?