नई दिल्ली. सरकार यह भले ही दावा करती है कि आम लोगों का स्वास्थ्य उसकी प्राथमिकता में है लेकिन देश डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है. स्थिति यह है कि देश की एक अरब 33 करोड़ की आबादी के हिसाब से 1597 लोगों पर मात्र एक डॉक्टर उपलब्ध है. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार प्रति एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए. मंगलवार को राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने लिखित में यह जानकारी दी.
देश में 14 लाख डॉक्टरों की कमी:
भारत में 14 लाख चिकित्सकों की कमी है और प्रतिवर्ष लगभग 5500 चिकित्सक ही तैयार हों पाते है. देश में प्रत्येक वर्ष 55000 डॉक्टर अपनी एमबीबीएस की डिग्री पूरी करते है, जबकि 25,000 पोस्ट ग्रेजुएट होते है. देश के सामने वर्ष 2020 तक 1250 मरीजों पर एक डॉक्टर और वर्ष 2022 तक 1075 मरीजो पर एक डॉक्टर का लक्ष्य है, लेकिन यदि देश मे अगले पांच सालो तक हर वर्ष 100 मेडिकल कॉलेज भी खोले जाए तो भी वर्ष 2029 से पहले मरीजो और डॉक्टरों के अनुपात में सामंजस्य बिठा पाना संभव नही होगा.
देश में 10 लाख 41 हजार रजिस्टर्ड एलौपैथिक डॉक्टर :
अखिल भारतीय चिकित्सा प्रशासक संघ के सचिव डॉ. नरेश पुरोहित ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद के तत्वावधान में “अस्पताल प्रबंधन एक चुनौती” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में उपस्थित स्वास्थ्य विशेषज्ञों को संबोधित करते यह जानकारी दी. उन्होंने अपनी अनुसंधान रिपोर्ट के आधार पर बताया कि देश 67 फीसदी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. शल्य चिकित्सा, स्त्री और शिशु रोग जैसे चिकित्सा के बुनियादी क्षेत्रो में 50 फीसदी डॉक्टरों की कमी है. ग्रामीण इलाको मे तो यह आंकडा 82 फीसदी तक पहुंच जाता है.
देश में 420 मेडिकल कॉलेज हैं :
डॉ. पुरोहित की शोध अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार देश मे इस समय 420 मेडिकल कॉलेज हैं इनमें से 45 प्रतिशत सरकारी क्षेत्र में और 55 फीसदी निजी क्षेत्र में है. वर्ष 2016 तक देश में 687 जिले है. वर्ष 2011 में देश के 640 जिलों में से मात्र 193 जिलों में ही मेडिकल कॉलेज है और शेष 447 जिलों में चिकित्सा अध्ययन की कोई व्यवस्था ही नही है. देशभर मे इस समय सर्वाधिक मेडिकल कॉलेज कर्नाटक में हैं , जबकि महाराष्ट इस मामले मे 48 मेडिकल कॉलेजो के साथ दूसरे नबंर पर है. अगर चिकित्सकों की तैनाती देखे तो महाराष्ट्र में इस समय सर्वाधिक 153513 चिकित्सक तैनात हैं जबकि कर्नाटक इस मामले में देश मे तीसरे स्थान पर है.
मेडिकल की पढ़ाई पूरी करके देश छोड़ देते हैं डॉक्टर :
देश में मेडिकल की पढ़ाई पूरी करके बड़ी संख्या में डॉक्टर विदेश चले जाते हैं. डॉ. नरेश पुरोहित ने कार्यशाला में जानकारी देते हुए बताया कि भारत दुनिया के प्रमुख देशों को सबसे अधिक डॉक्टरों की आपूर्ति करता है. भारतीय डॉक्टरों की संख्या वर्ष 2000 मे 56000 थी, जो 2010 में 55 प्रतिशत बढ़कर 86680 हो गई , इनमें से 60 प्रतिशत भारतीय डॉक्टर अकेले अमेरिका में ही कार्यरत है.