नई दिल्ली. मशहूर गायक और गजल की दुनियां में अपना लौहा मनवा चुके जगजीत सिंह अगर हमारे बीच होते है तो आज अपना 76 वां जन्मदिन मना रहे होते. बॉलीवुड में जगजीत सिंह का नाम एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी गजल गायकी से लगभग चार दशक तक गजल के दीवानों के दिल पर अमिट छाप छोड़ी.
जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था. उनका बचपन का जगमोहन था, लेकिन उन्होंने अपने पिता के कहने पर अपना नाम बदलकर जगजीत रख लिया.
बचपन से ही संगीत के थे शौकीन
जगजीत सिंह बचपन से ही संगीत का शौक रखते थे, संगीत की शिक्षा उन्होंने उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से हासिल की. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खालसा स्कूल से ली. उसके बाद जालंधर के डीएवी कॉलेज से कला की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने 1961 में ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) जालंधर स्टेशन में काम करने के लिए गायन और कम्पोजिंग करके अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की.
निजी जिंदगी
जगजीत सिंह ने 1969 में चित्रा दत्ता से शादी की, जहां जगतजीत की यह पहली शादी थी वहीं चित्रा की दूसरी. चित्रा दत्ता भी एक बेहतरीन गायिका थी. दोनों ने मिलकर गई गजलें साथ गायीं. चित्रा ने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम विवेक था, लेकिन एक दिन अचानक कार हादसे में विवेक की मौत हो गई. यह घटना 1990 में घटी. उस समय विवेक महज 18 साल के थे.
इस घटना से चित्रा पूरी तरह टूट गई और गायिका की दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. जगजीत को बेटे की अचानक हुई मौत ने उन्हें अंदर से झंझोड़ कर रख दिया. लोगों का ऐसा मानना है कि जगजीत ने जो गाना गया था ‘ चिट्ठी न कोई न संदेश ‘ गाना गाया था इस गाने में जो तड़प और दुख झलकता है, वह इसी हादसे को बयां करता है.
जगजीत ने इतनी गजल गाई
जगजीत सिंह ने अपने करियर में करीब 150 से अधिक एल्बम बनाई हैं, लेकिन उन्होंने 10 अक्टूबर 2011 में गायकी की दुनियां से दूरी बना ली. 10 अक्टूबर 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया.