चंबा. खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के रेटा गांव की एथलीट सीमा ने स्वर्ण पदक हासिल किया है. यह न केवल चंबा जिला के लिए बल्कि हिमाचल प्रदेश के लिए भी गौरव की बात है कि जिला चंबा के एक गरीब परिवार के संबंधित इस धाविका ने यह उपलब्धि हासिल की है.
अलग-अलग तरीके से सम्मानित किया
उनके चंबा जिला पहुंचने पर अलग-अलग संस्थाओं वह प्रशासनिक अधिकारियों तथा राजनेताओं ने अलग-अलग तरीके से सम्मानित किया. विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने सीमा को उसके गांव रेटा में जाकर सम्मानित किया और उसे अपनी ऐच्छिक निधि से 125000 पर की राशि प्रदान की. सीमा ने एथलेटिक्स में 3 हजार मीटर दौड़ में 10 मिनट 15 सेकेंड का रिकार्ड बनाते हुए 16 अन्य धाविकाआें को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है.
10वां गोल्ड मैडल हासिल किया
चंबा जिला की इस धाविका का यह 10वां गोल्ड मैडल है तथा इसके अलावा वह 2 ब्रांज तथा एक सिल्वर मैडल भी हासिल कर चुकी हैं. वर्ष 2017 में बैंकाक में आयोजित यूथ एशियन एथलेटिक्स में भी सीमा ब्रांज मैैडल हासिल कर चुकी हैं. वर्तमान में 17 वर्षीय सीमा साईं होस्टल धर्मशाला में 12वीं की पढ़ाई कर रही है. स्वर्ण पदक हासिल कर चंबा पहुंची सीमा का यहां के लोगों ने जहां स्वागत किया. वहीं प्रशासन से मुलाकात के दौरान प्रशासन ने सीमा को भविष्य में हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया.
2024 आेलंपिक्स में भाग लेकर अपने देश के लिए मैडल लाना
सीमा का कहना है कि अब उनका अगला लक्ष्य वर्ष 2024 में होने वाले आेलंपिक्स में भाग लेकर अपने देश के लिए
कोई मैडल लाना है. सर से बाप का साया उठ जाने के बाद भी सीमा की माता ने सीमा को बड़ी ही कड़ी मशक्कत के साथ पढ़ाया-लिखाया और इस मुकाम तक पहुंचाया सीमा के दो छोटे भाई और दो बहने भी हैं.
बचपन से ही सीमा को खेलों में काफी रुचि थी
जिसकी सारी जिम्मेदारी उसकी विधवा मां पर है बचपन से ही सीमा को खेलों में काफी रुचि थी और पांचवी कक्षा से ही उसने खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया था. आजकल सीमा साईं हॉस्टल धर्मशाला में पढ़ रही है और कोचिंग ले रही है.
सीमा को उसी के गांव रेटा में सम्मानित करने पहुंचे विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने बताया उन्हें बहुत दिनों से इच्छा थी कि वह इन बच्चों से मिले और उन्हें सम्मानित करें, लेकिन व्यस्तता की वजह से उनसे मिलने में और उन्हें सम्मानित करने में काफी देरी हुई. जिसके लिए उन्होंने खेद भी प्रकट किया. उन्होंने बताया सीमा की तरह उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र की चार और बच्चे हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर मुकाम हासिल कर चुके हैं. वह उन्हें एक मंच पर जिला स्तरीय कार्यक्रम के दौरान सम्मानित भी करेंगे. सीमा देवी को उनकी इस उपलब्धि पर 125000 की राशि देने की घोषणा करता हूं.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस गांव में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों से मिलकर एक भव्य ग्राउंड बनाने की घोषणा भी करता हूं. जहां पर बच्चों को खेलने की पूरी व्यवस्था होगी साथ ही उन्होंने सीमा के गांव रेटा में पहुंचने वाली कच्ची सड़क को पक्का करने की भी घोषणा की.
एक सन्थेटिक ट्रेक बनाने की योजना
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चंबा जिला में एक सन्थेटिक ट्रेक बनाने की भी योजना बनाई गई हैं जिस पर चंबा जिला के सभी बच्चे प्रेक्टिस कर सकते हैं. और चुराह क्षेत्र में एक स्टेडियम बनाने की भी योजना है. अब तक राष्ट्रीय स्तर की खेलों में 14 मेडल हासिल कर चुकी है. सीमा ने पंचायत टाइम्स से बात करते हुए बताया कि उन्हें बचपन से ही खेलों में रुचि रखती थी. उनको पांचवी कक्षा से ही स्कूली खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया था.
उन्होंने कहा कि इसी रेटा गांव में वह पली-बढ़ी है और बाद में उन्हें साई हॉस्टल धर्मशाला में एडमिशन मिली जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर यह मुकाम हासिल किया. वह इस मुकाम के लिए सबसे पहले अपने माता पिता और गुरुजनों को इसका श्रेय देती है.
अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए सीमा की माता ने कहा कि अचपन में ही इनके पिता का साया इनके सर से उठ चुका था. उन्होंने सभी बच्चों का पालन पोषण बड़ी ही कड़ी मशक्कत से किया था.पिता का साया सर से उठने के बाद उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था. घर में खाने के लिए कुछ नहीं होता था यहां तक कि नमक भी नहीं होता था. परिस्थितियां इतनी खराब थी कि बच्चों को पढ़ाना लिखाना बहुत मुश्किल होता था, लेकिन उसके बावजूद भी मजदूरी करके उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ा लिखा इस मुकाम तक पहुंचाया. सीमा मेरी ही अब सीमा नेरी ही नहीं पूरे हिमाचल की बेटी है और उन्हें उम्मीद है कि अब हिमाचल सरकार इसको इसके अगले मुकाम तक पहुंचाने में पूरी सहायता करेगी.