मंडी. जंजैहली एसडीएम कार्यालय को लेकर जारी आंदोलन और इससे उपजे घटनाक्रमों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहली बार दिल की बात की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि “इस सारे घटनाक्रम से दिल से आहत हुआ हूं.” उन्होंने कहा कि “मैं इस सबसे दुखी हूं और यह सब दुर्भाग्यपूर्ण है.”
यहां पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने कोर्ट को गुमराह करते हुए जंजैहली में एसडीएम कार्यालय खोल दिया, हमें तो वह भी मंजूर था, लेकिन कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि इस मामले में कोर्ट को गुमराह किया गया है.” जिस पर कोर्ट ने न केवल जंजैहली एसडीएम कार्यालय की बल्कि उप तहसील छतरी की अधिसूचना भी रद कर दी.
कहीं पर तो एसडीएम कार्यालय खोला जाना था
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में थुनाग के लोग पहले ही कोर्ट गए थे, मगर सरकार ने कोर्ट में बयान देने से पंद्रह दिन पूर्व ही अधिसूचना जारी कर दी थी. वहीं, चेतराम ठाकुर ने एक शपथपत्र दिया था कि जंजैहली में उप तहसील खोल दी गई है, जो आज तक नहीं खुली. जयराम ठाकुर ने कहा कि मेरे लिए तो एसडीएम कार्यालय जंजैहली में खुले चाहे थुनाग में एक समान था, मगर अदालत के फैसले के बाद काम चलाने के लिए कहीं पर तो एसडीएम कार्यालय खोला जाना था.
“मेरा पुतला फूंका गया, पुलिस पर पत्थराव किया”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद संघर्ष समिति और मेरी पार्टी के लोग शिमला में मुझसे मिले थे. वहां तय हुआ था कि हम इस मामले में रिव्यू पटीशन फाइल करेंगे. आंदोलन बंद करने की सहमति बनी थी, लेकिन दो दिन बाद मेरा पुतला फूंका गया, पुलिस पर पत्थराव किया गया. उनके इस व्यवहार को देखते हुए और एसडीएम कार्यालय बंद हो जाने की वजह से हमारे काम कहां होंगे.
संघर्ष समिति को आमंत्रित किया गया
जयराम ने कहा कि कोर्ट के निर्देश पर संज्ञान लेते हुए थुनाग में एसडीएम कार्यालय खोलने की अधिसूचना के साथ ही यह व्यवस्था की गई कि महीने में चार दिन एसडीएम जंजैहली में बैठेंगे. वहीं एसडीएम गोहर महीने में चार दिन बालीचौकी में बैठेंगे. मगर कुछ लोगों ने इसे क्षेत्रवाद का मामला बना दिया. उन्होंने कहा कि इस सारे प्रकरण में षड्यंत्रकारी कौन हैं इससे पर्दा उठनें वाला है वे चाहे इस ओर के हों या उस ओर के उनके चेहरे बेनकाब होंगे. जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी मैंने इस मुद्दे पर बात करने के लिए संघर्ष समिति को आमंत्रित किया है, खुलेमन से इस पर चर्चा की जाएगी.