नई दिल्ली. अब दूध का संगठित उत्पादन और बेचने की प्रक्रिया में भाग लेने वाले संस्थान को नेशनल डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) गुणवत्ता मानकों पर खड़े उतरने के बाद अपना ‘लोगो’ देगी.
ये संस्थान महासंघ, सहकारी डेरियां, शैक्षिक संस्थान, सरकारी डेयरी हो सकती हैं. पहले चरण में 14 संस्थानों को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने यह ‘लोगो’ प्रदान किया है. गौरतलब हो कि गुणवत्ता लोगों प्राप्त करने के लिए 55 संस्थानों ने आवेदन किया था. हालांकि यह ‘लोगो’ पहले से गुणवत्ता के लिए तय मापदंड का पालन करने वाले संस्थान को दिया जाएगा.
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने गुरूवार को कृषि भवन, नई दिल्ली में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के गुणवत्ता चिह्न “लोगो” को लांच करते हुए कहा कि एनडीडीबी गुणवत्ता चिह्न “लोगो” का एक समूह ब्रांड पहचान के रूप में शुभारंभ कर रहा यह उपभोक्ताओं की इस मान्यता को मजबूती प्रदान करता है कि गुणवत्ता चिह्न अच्छी गुणवत्ता का पर्याय है.
कृषि मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य उत्पादक से उपभोक्ता तक संपूर्ण वेल्यू चेन में प्रक्रियात्मक सुधार लाना है ताकि अच्छे गुणवत्ता के दूध व दूध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके.
उन्होंने जानकारी दी कि जनवरी 2016 में शुरू हुई इस पहल के समयसे एनडीडीबी को देशभर की सहकारिताओं से 55 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 14 इकाइयों ने दो चरण वाली मूल्यांकन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। शेष 31 डेरियों को सुधार के क्षेत्रों के बारे में सूचित किया गया है. उन्हें सुधारात्मक उपायों के क्रियान्वयन के लिए 6-9 महीने उपलब्ध कराए गए.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. कौन-कौन सी संस्थाएं लोगों प्राप्त करने के लिए योग्य होती हैं?
उत्तर इच्छुक महासंघ/ सहकारी डेरियां/ शैक्षिक संस्थान/ सरकारी डेरी इकाइयॉं गुणवत्ता चिह्न के लिए आवेदन कर सकती हैं. इसमें केवल वे ही डेरी इकाइयां पात्र हैं जो दूध एवं दूध उत्पादों के लिए खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को अपनाती हैं तथा गुणवत्ता चिह्न में दिशा-निर्देशों में निर्धारित मापदंडों का पालन करती हैं.
प्रश्न मुल्यांकन की क्या प्रक्रिया है?
मूल्याकंन दो चरण में होगी. पूर्व-मूल्यांकन व्यापक तौर पर गांव स्तरीय संकलन तथा प्रसंस्करण बुनियादी ढ़ांचे की उपलब्धता, जनशक्ति प्रशिक्षण तथा खुदरा बिक्री को कवर करता है.
अंतिम मूल्यांकन के लिए केवल उन्हीं इकाइयों पर विचार किया जाता है जो प्राथमिक मूल्यांकन में 70% से अधिक अंक प्राप्त करती हैं. अंतिम मूल्यांकन महत्वपूर्ण तथा प्रमुख मापदंडों के लिए किया जाता है जो प्रसंस्कृत दूध एवं दूध उत्पादों की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं.” यह मूल्यांकन तीन विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जाता है जिसमें एक बाहरी विशेषज्ञ होता है.
प्रश्न. प्रमाण पत्र या लोगो कितने दिनों के लिए मान्य होता है?
उत्तर गुणवत्ता चिह्न तीन वर्षों की अवधि के लिए मान्य होगा बशर्ते कि गुणवत्ता तथा खाद्य सुरक्षा मानकों का निर्वहन तथा अनुबंध के नियम एवं शर्तों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि गुणवत्ता चिह्न प्रदान करने का अनुमोदन तीन वषों के लिए वैध है, परन्तु गुणवत्ता चिह्न के मापदंडों के अनुपालन की जांच के लिए वर्ष में एक बार निगरानी लेखा परीक्षा की जाएगी.
नोट-पीआईबी द्वारा जारी प्रेसनोट में ‘लोगो’ जारी नहीं किया गया है. पंंचायत टाइम्स की टीम लोगो का चित्र प्राप्त करने के लिए अन्य स्त्रोतों से संपर्क कर रही है.