मंडी. हणोगी माता मंदिर के पास पहाड़ी से चट्टानें गिरने के बाद यहां पर वाहनों के रूकने पर आंशिक रोक तो लगा दी गई है, लेकिन लोग इस रोक को दरकिनार करके मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. मनाली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे 21 पर बसा हणोगी माता का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का मुख्य केंद्र है. बात चाहे स्थानीय लोगों की हो या फिर बाहर से आने वाले पर्यटकों की, सभी की गाडि़यां इस मंदिर के बाहर रूकती है और वे दर्शन करके ही आगे बढ़ते हैं.
मंदिर के पास गाड़ी रोकने की इजाजत नहीं
बीती 16 जुलाई को मंदिर के पास वाली पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें यहां गिरी थी. इस कारण मंदिर को भी नुकसान हुआ और साथ लगे भवनों को भी. अभी भी पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का खतरा बना हुआ है. यही कारण है कि इस मंदिर के पास वाहनों के ज्यादा देर तक रूकने पर रोक लगा दी गई है. वाहन मंदिर से कुछ दूरी पर खड़े होने के लिए कहा जा रहा है. इसके लिए बाकायदा यहां एक सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया. मंदिर के पुजारी रामकृष्ण शर्मा के अनुसार लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है. चेतावनी के बावजूद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालू मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं.
वहीं, प्रशासन पहाड़ी से गिरती चट्टानों के रोकने के लिए यहां पर नेट और गाडरें लगाने की सोच रहा है. एसडीएम सदर पूजा चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर के पास पीएयानी पब्लिक एड्रेस सिस्टम को इंस्टॉल कर दिया गया है. लोगों को यहां ज्यादा देर न रूकने की चेतावनी दी जा रही है. मंदिर के पास मशीनरी भी रख दी गई है. जल्द ही यहां पर एक डिजास्टर रूम भी स्थापित कर दिया जाएगा. जिसमें आपदा से निपटने के लिए जरूरी सामान को रखा जाएगा.
मंडी से लेकर औट तक आपदा प्रभवित इलाका
बता दें कि एनएच 21 पर मंडी से लेकर औट तक आपदा प्रभावित इलाका है. यह मंदिर भी इसी के बीच में है. यहां आए दिन पहाड़ी से भूस्खलन होने और पहाड़ों के दरकने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. मंदिर के पास चट्टानें गिरने की घटना घटने के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नजर नहीं आ रही है.