शिमला. हिमाचल सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है. अब जो भी अधिकारी कोर्ट में हाजिरी भरेगा उसे फॉर्मल ड्रेस में ही आना पड़ेगा. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कोई अधिकारी ऐसा नहीं करता है तो वह सजा भुगतने के लिए तैयार रहें. कोर्ट की फटकार के बाद वीरवार को सरकार ने सभी अफसरों और कर्मचारियों को हाईकोर्ट में फॉर्मल ड्रेस पहनकर जाने के आदेश जारी किया.
अधिकारियों को कोर्ट में जींस पैंट व टी-शर्ट पहने पर रोक
कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेशों में चटक रंग के कपड़े और जींस-टी शर्ट में कोर्ट जाने पर रोक लगा दी गई है. कार्मिक विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को आदेशों का पालन करने को कहा है. सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में पेश हुई कनिष्ठ अधिकारी के जींस और रंग बिरंगे परिधान पर हाईकोर्ट ने पिछले महीने कड़ा एतराज जताया था.
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने प्रदेश के मुख्य सचिव को आदेश दिए थे. जिसके तहत वह इस बाबत जरूरी निर्देश जारी करें कि कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी जब न्यायालय के समक्ष पेश हो तो वह ध्यान रखे कि उचित परिधान में हो जिससे न्यायालय की गरिमा बनी रहे.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ महीने पहले अदालत की कार्यवाही को कवर करने आए पत्रकारों के ड्रेस पर नारजगी जताई थी. दरसल पत्रकार आदालत में जींस और टी-शर्ट पहन कर आए हुए थे. जिसपर अदालत ने पत्रकारों से पूछा कि क्या यह “बॉम्बे संस्कृति” है. यह उस समय की बात जब मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी डॉक्टरों को काम से बचे चुनौती देने वाली याचिका पर सुन रहे थे.