मंडी. सारेगामापा में अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाली पायल ठाकुर अब आने वाले समय में दुसरे राउंड को पार करके तीसरे लेवल में जाने का प्रयास करेंगी. यह बात सारेगामापा लिटल चैंप्स की प्रतिभागी पायल ठाकुर ने अपने पैत्रिक गांव में मीडिया से बातचीत में कही.
पायल ठाकुर दृष्टिहीन हैं. लेकिन, उनकी आवाज में जादू है जो दुसरे लोगों और बच्चों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन गई है. पायल ठाकुर ने जहां अपने हुनर से देश में अपनी पहचान बना ली है. वहीं, प्रदेश और मंडी जिलावासियों के लिए भी यह बड़े ही गर्व की बात है कि छोटे से गांव में रहने वाली पायल ठाकुर ने मुम्बई में जा कर अपनी आवाज से सभी का दिल जीत लिया है.
मंडी जिला की धार पंचायत के मढधार गांव से सम्बन्ध रखने वाली पायल ठाकुर को बचपन से ही गाने का शौक था. अब यही शौक पायल का पैशन बन चुका है. पायल ठाकुर ने अपनी आवाज के जादू से सारेगामापा के पहले राउंड को पार कर लिया है और अब वे आने वाले समय में दुसरे राउंड को पार कर तीसरी लेवल में पहुंचने का प्रयास करेंगी.
रविवार को पायल ठाकुर अपने गांव पहुंची जहां पर पंचायत प्रधान और गांव के सैंकडों लोगों ने पायल ठाकुर का स्वागत नाच-गा कर व पुष्पवर्षा से किया. पायल ने मढधार में मां देहरी के चरणों में शीश नवाया और अपने आने वाले समय के लिए प्रार्थना भी की. स्थानीय पंचायत धार की प्रधान अनुराधा ने इस मौके पर पायल और उसके परिवार वालों को बधाई दी और आशा जाहिर की कि आने वाले समय में पायल कामयाबी की बुलंदियों को छूकर अपने गांव और जिला का नाम रौशन करे.
वहीं, पायल के गांव के स्थानीय निवासी गुप्तनन्दन ने बताया कि जब पायल छोटी थी तभी से वह गाने गुनगुनाने की शौकीन थी और उसे अक्सर लोग अपने कन्धे पर उठाकर चलते थे और वह गाना भी गाती रहती थी। उन्होने कहा कि आज पायल जिस भी मुकाम पर पहुंची है उन्हे इस बात का गर्व महसूस होता है. स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से इस तरह के बच्चों को प्रोत्साहित करने और उनका मनोबल बढाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है.