नई दिल्ली. तमिलनाडु और झारखंड सरकार ने कपड़ा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए तमिलनाडु में तिरुपुर एक्सपोर्ट एसोसिएशन (टीईए) के साथ बैठक का आयोजन किया. बैठक में झारखंड में टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश के अवसरों के बारे में तिरुपुर में उद्यमियों के साथ बातचीत की गई.
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किये गये प्रेस नोट के मुताबिक, “झारखंड खनिजों के साथ-साथ रेशम के क्षेत्र में भी देश में अपना एक उच्च स्थान रखता है. झारखंड सरकार ने राज्य में वस्त्र और परिधान क्षेत्र के विकास में संभावनाओं को देखते हुए वस्त्र परिधान और फुटवियर नीति 2016 की घोषणा की है, यह नीति झारखण्ड में उद्यमियों को विनिर्माण सुविधा स्थापित करने में सहायक होगा साथ ही इससे राज्य में एक बेहतर कारोबारी माहौल तैयार होगा. राज्य में कृषि के बाद कपड़ा उद्योग में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. झारखंड राज्य में उद्योग के लिए परिवहन की सुगमता है, राज्य की सड़कें और रेलवे नेटवर्क काफी सुदृढ़ है. राज्य में झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी द्वारा कुशल और प्रशिक्षित जनशक्ति, भूमि और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुर उपलब्धता है.”
झारखण्ड से कई लोग वस्त्र उद्योग में कार्य करने हेतु तिरुपुर, तमिलनाडु राज्य में जाते हैं. राज्य में वस्त्र और परिधान उद्योग की स्थापना से लोगों का पलायन रुकेगा और राज्य के वस्त्र और परिधान नीति का उद्योगों को भी लाभ मिलेगा तथा कुशल श्रमिक भी मिलेंगे.
टीएए अध्यक्ष, महासचिव एवं अन्य निवेशक फरवरी के दूसरे सप्ताह में झारखंड आएंगे. इस दौरान वे झारखंड में कपड़ा उद्योग लगाने के लिए उपलब्ध अवसर तलाशेंगे. साथ ही झारखंड के युवाओं को अपने मौजूदा कपड़ा उद्योग में रोजगार के अवसर भी प्रदान करेंगे.
बैठक में श्री के. रवि कुमार, निदेशक उद्योग, झारखंड सरकार, श्री विजय कुमार, टीएए के महासचिव, श्री मिल्टन जॉन, निदेशक, कॉटन ब्लॉसम इंडिया प्राइवेट ली., श्री एलेंगो, एहिल अपैरल के प्रबंध निदेशक, आईसीआई परियोजनाओं के निदेशक श्री आर जेयामोहन, पीडब्ल्यूसी के मयूर चौपडे और अन्य उपस्थित रहे.