ऊना(गगरेट). रायपुर गांव के वीर सपूत राकेश कुमार को सेना मेडल से नवाजा गया है. राकेश ने अपने साहस का परिचय देते हुये देश को दुश्मनों से बचाने के लिये जान की बाजी लगा दी और दो आतंकियों को ढेर कर दिया. कोलकाता में सेना द्वारा ईस्टर्न कमांड सिपाही राकेश कुमार को सेना मेडल से सम्मानित किया गया है. राकेश को मिले सम्मान से ऊना जिले का नाम देश भर में रोशन हुआ है.
जानें क्यों मिला मेडल
22 जून 2007 में डोगरा रेजिमेंट में सिपाही पद पर भर्ती हुये राकेश कुमार बचपन से ही सेना में जाने का इरादा रखते थे. बता दें कि जम्मू कश्मीर के शोपियां में 7 अप्रैल 2016 में हुए एनकाउंटर के दौरान राकेश कुमार भारतीय सेना की टीम का हिस्सा थे. जिस घर में आतंकवादी छुपे हुए थे उस घर को राकेश कुमार और साथी सैनिकों ने घेर लिया था. इसी दौरान राकेश कुमार ने अपनी जान की परवाह न करते हुये घर में घुस कर दो आतंकवादी को मार गिराया. इसी बहादुरी के लिये सेना ने 26 जनवरी 2017 को राकेश कुमार को सेना मेडल देने की घोषणा की.
जानिये कब मिला मेडल
21 सितंबर 2017 को कोलकाता में ईस्टर्न कमांड के द्वारा आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान कमाडेंट द्वारा राकेश कुमार को सेना मेडल से नवाजा गया है. राकेश कुमार की शुरुआती शिक्षा रायपुर के सरकारी स्कूल से हुई है. वर्तमान में राकेश कुमार असम के कोकराझार में बतौर सिपाही तैनात हैं. उनके पिता बालकृष्ण का स्वर्गवास हो चुका है. जबकि घर में माता चंचल देवी, एक भाई और दो बहनें हैं. राकेश कुमार को सेना मेडल से नवाजे जाने से पूरे क्षेत्र में जश्न का माहौल है.
मां ने कहा मुझे गर्व है अपने लाल पर
राकेश कुमार की माता चंचल देवी ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर बहुत गर्व है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि राकेश भविष्य में भी इसी बहादुरी से भारत माता की सेवा और रक्षा करते रहेंगे. उन्होंने अपने बेटे को मेडल मिलने पर खुशी जताई और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. बता दें कि सेना मेडल भारतीय सेना के सभी श्रेणी के सदस्यों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है. यह सम्मान असाधारण कर्तव्य निष्ठा या साहस का परिचय देने वाले विशिष्ट कार्यों के लिए दिया जाता है.