शिमला. शिमला जिले में जुब्बल-कोटखाई हलके के साथ रोचक सियासी संयोग भी जुड़ा है. पिछले वर्ष उप चुनाव के नतीजों की बात न करें तो दो दशक से इसी सीट के साथ यह संयोग बना है. इसके तहत विधानसभा चुनाव में बहुमत के साथ सत्ता में आने वाली पार्टी का प्रत्याशी ही यहां से विजयी होता रहा है. या कहें, जिस पार्टी का प्रत्याशी जुब्बल-कोटखाई से जीतता है, उसी पार्टी की सरकार बनती है. इस सियासी संयोग के आधार पर यह भी माना जाता रहा है कि जुब्बल कोटखाई के मतदाता सत्ता के साथ ही चलते आ रहे हैं.
विधानसभा चुनाव में यहां से छह प्रत्याशी मैदान में
इस बार विधानसभा चुनाव में यहां से छह प्रत्याशी मैदान में हैं. अभी तक के समीकरण सीधा मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी विधायक रोहित ठाकुर और भाजपा के प्रत्याशी चेतन बरागटा के बीच होने का संकेत दे रहे हैं. हालांकि, अन्य पार्टियों के प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत के लिए दिन-रात पसीना बहा रहे हैं. अब चुनावी नतीजे ही बताएंगे कि जुब्बल कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा यह सियासी संयोग इस बार भी कायम रखता है या नहीं.
वर्ष 2003 से रोचक सियासी संयोग का यह सिलसिला जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में चला आ रहा है. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से रोहित ठाकुर विजय रहे थे, तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. इसके बाद वर्ष 2007 में भाजपा से दिवंगत नरेंद्र बरागटा विजयी हुए थे. प्रदेश में भी भाजपा सत्ता में आई. वर्ष 2012 में कांग्रेस के रोहित ठाकुर विजयी रहे तो कांग्रेस की सरकार बनी.
वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा से नरेंद्र बरागटा ने जीत हासिल की थी. इस बार भी प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई. पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा की मृत्यु के बाद वर्ष 2021 में उपचुनाव हुए. उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर विजयी रहे थे. उपचुनाव की इस जंग में दिवंगत नेता नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़े थे. इस बार चेतन बरागटा भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.
कुल मतदाता : 73,190
पुरुष मतदाता : 36,306
महिला मतदाता : 36,884