शिमला. अदाणी समूह ने घाटे का हवाला देते हुए बरमाणा स्थित एसीसी और दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट में तत्काल प्रभाव से सभी गतिविधियां बंद कर दी गयी हैं. बरमाणा स्थित प्लांट हेड ने नोटिस जारी कर सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने से इन्कार कर दिया.
कितने लोग होंगे प्रभावित
इस फैसले से बरमाणा में काम करने वाले 980 कर्मचारियों और करीब 3,800 ट्रक ऑपरेटरों पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा. इनमें 530 नियमित और 450 कर्मचारी ठेके पर रखे गए हैं, जबकि करीब 2,300 ट्रक बीडीटीएस और 1,500 ट्रक पूर्व सैनिकों के सीमेंट ढुलाई करते हैं. दूसरी ओर दाड़लाघाट में भी 500 नियमित कर्मचारी हैं, जबकि 300 कामगार ऐसे हैं जो ठेकेदार की ओर से कंपनी में काम करते हैं. इसके अलावा 3500 से अधिक ट्रांसपोर्टर हैं, जो प्रभावित होंगे. एसीसी सीमेंट प्लांट बरमाणा में काम बंद होने से 10,000 परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है.
अदाणी समूह की एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा के प्लांट हेड ने बुधवार शाम को नोटिस जारी कर गुरुवार से फैक्ट्री में अनिश्चित काल के लिए सभी गतिविधियां बंद करने की घोषणा की. एसीसी सीमेंट फैक्ट्री बरमाणा से जिला बिलासपुर और प्रदेश के करीब 3,800 ट्रक ऑपरेटर जुड़े हैं.
इनमें बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा के 2,300 ट्रक चालक माल ढुलाई कर परिवार पालते हैं. पूर्व सैनिक सभा के 1,500 ट्रक हैं. अगर प्लांट बंद होता है तो 3,800 ऑपरेटर बेरोजगार होंगे. इसके अलावा 3,800 चालक, 1,500 परिचालक बेरोजगार होंगे. फैक्ट्री बंद होने से बिलासपुर से स्वारघाट तक करीब 600 मेकेनिक और टायर पंचर का काम करने वालों की ज्यादातर रोजी-रोटी ट्रकों से चलती है. इनके अलावा क्षेत्र में ढाबा चलाने वालों की रोजी-रोटी पर भी प्रभाव पड़ेगा. कंपनी में 530 नियमित कर्मचारी और 450 कर्मचारी ठेके पर हैं. फैक्ट्री बंद होने से इन सभी पर रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा. करीब पांच माह पहले ही अदाणी समूह ने एसीसी को टेकओवर किया था. उसके बाद पहले एसीसी और ट्रक ऑपरेटर के बीच हुए 15,000 मीट्रिक टन माल ढुलाई को कम कर 5,000 मीट्रिक टन किया. उसके बाद ऑपरेटरों ने जमकर इसका विरोध किया. अब कंपनी प्रबंधन ने कर्मचारियों को भी काम पर आने से मनाही कर दी है.
ऑपरेटरों के साथ होगी बैठक
बीडीटीएस के नवनिर्वाचित प्रधान ने राकेश कुमार रॉकी ने कहा कि कंपनी के इस फैसले के बाद ऑपरेटरों के साथ वीरवार को बैठक की जाएगी. बैठक में आगामी रणनीति तय की जाएगी. वहीं, दाड़लाघाट में ट्रांसपोटर्स यूनियनों ने 16 दिसंबर को बैठक बुलाई है. इस बैठक में कंपनी की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.
जानकारी मिली है कि प्लांट प्रबंधन ने सभी गतिविधियां बंद करते हुए कर्मचारियों को काम पर नहीं आने का नोटिस जारी किया है. इस संदर्भ प्लांट प्रबंधन के साथ आज सुबह 11:00 बजे बैठक रखी गई है. – पंकज राय, उपायुक्त बिलासपुर
वेतन रोका तो करेंगे आंदोलन
द गागल सीमेंट वर्कर यूनियन के अध्यक्ष शिवराम संख्यान ने कहा कि नियमों को ताक पर रखकर कंपनी प्रबंधन ने बुधवार देर शाम को कर्मचारियों के लिए नोटिस लगाया है. इसका वे कड़ा विरोध करते है. वीरवार को उन्होंने वर्करों की बैठक बुलाई है कंपनी से मांग करेंगे वर्करों का वेतन नहीं रोका जाए. यदि वर्करों का वेतन रुका तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
अंबुजा के कर्मचारियों ने देर रात तक की बैठक
दाड़लाघाट अंबुजा सीमेंट प्लांट में कर्मचारियों को कंपनी में आने की मनाही होने के बाद देर शाम अंबुजा कर्मचारियों ने बैठक की. देर रात तक चली बैठक में कर्मचारियों ने आगामी रणनीति बनाई. बताया जा रहा है कि इसमें कर्मचारियों ने जहां प्लांट के बंद होने पर चिंता जताई, वहीं अपने रोजगार पर भी संकट जाने का खतरा देखते हुए आगामी रणनीति तैयार की. इसमें कर्मचारियों ने आंदोलन की रणनीति भी बनाई है. हालांकि यह आंदोलन तभी होगा अगर प्लांट को पूरी तरह से बंद किया.
सीमेंट प्लांट बंद होने से हिमाचल में गहरा सकता है सीमेंट संकट
अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने से प्रदेश में सीमेंट का संकट गहरा सकता है. यहां से कई थोक विक्रेताओं को सीमेंट की सप्लाई होती है. अचानक प्लांट बंद होने से सप्लाई भी रोक दी गई है. लिए गए ऑर्डर भी रद्द कर दिए गए हैं.
बता दें कि अंबुजा सीमेंट के दाड़लाघाट स्थित प्लांट में एक वर्ष में दो मिलियन टन प्रति वर्ष उत्पादन होता है. रोजाना पांच से छह मीट्रिक टन उत्पादन होता है. यहां से देश भर में सीमेंट की सप्लाई होती है. जिले के अन्य सीमेंट प्लांट को मिलाकर 7 से 8 फीसदी सीमेंट का उत्पादन होता है. गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत हिमाचल में सीमेंट सप्लाई होता है. प्लांट बंद होने से बाहरी राज्यों में कुछ खास असर देखने को नहीं मिलेगा, जबकि हिमाचल में काफी असर पड़ेगा.
हिमाचल, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में भेजा जाता है सीमेंट
बरमाणा एसीसी प्लांट से सीमेंट ट्रकों के माध्यम से पूरे हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में सप्लाई किया जाता है. वहां से ट्रेन के माध्यम से अन्य प्रदेशों में भेजा जाता है. एक साल पहले तक करीब 15,000 मीट्रिक टन उत्पादन एसीसी का था. इसमें 13 हजार मीट्रिक टन सीमेंट और दो हजार मीट्रिक टन क्लींकर शामिल था.
अब यह आंकड़ा पांच हजार मीट्रिक टन से भी नीचे आ गया है. प्रदेश में हर दिन तीन हजार मीट्रिक टन एसीसी सीमेंट की खपत होती है. वहीं, अगर सिविल सप्लाई की बात करें तो हर दिन 1,200 मीट्रिक टन खपत होती है. प्रदेश में एसीसी सीमेंट के मुख्य डंप धामी, शिमला, नादौन, उखड़ी (हमीरपुर) और बग्गी (धनोटू) में हैं. अन्य सीमेंट सीधे डीलरों को भेजा जाता है. अब एसीसी प्लांट बंद होने के बाद प्रदेश भर में सप्लाई कम हो जाएगी और भविष्य में सीमेंट के संकट की आशंका बढ़ गई है. वहीं, प्रदेश में सीमेंट के दाम भी बढ़ सकते हैं.