हमीरपुर. भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद जिला हमीरपुर में प्रस्तावित करोड़ों के प्रोजेक्ट खटाई में दिख रहे हैं. जिला के एक दर्जन बड़े प्रोजेक्ट प्रेम कुमार धूमल के पूर्व मुख्यमंत्री कार्यकाल में मंजूर हुए थे. लेकिन पिछले पांच सालों में इन पर कोई कार्य नहीं हुआ.
बड़े प्रोजेक्ट्स में हमीरपुर का मेडिकल कॉलेज शामिल
विधानसभा चुनाव में जैसे ही भाजपा हाईकमान ने प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो इन प्रोजेक्ट के पूरे होने की उम्मीद जगी. चुनाव हारने के बाद अब इन प्रोजेक्ट को लेकर सस्पेंस बरकरार है. बड़े प्रोजेक्ट्स में हमीरपुर का मेडिकल कॉलेज शामिल है. मेडिकल कॉलेज के लिए जोलसप्पड़ में भूमि चिन्हित है. लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग के कदम इस जमीन पर नहीं पड़े हैं.
इसी तरह हमीरपुर में प्रस्तावित बहुमंजिला बस स्टैंड का भूमि पूजन साल 2011 में हुआ था, लेकिन उसके बाद कोई कार्य नहीं हुआ. जिलाभर के अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी चल रही है. मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए टांडा और शिमला के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. क्षेत्रीय अस्पताल हमीरपुर में ईएनटी विशेषज्ञ, सर्जन मेडिसिन समेत 9 विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली चल रहे हैं. आईपीएच विभाग में भी दो बड़ी परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. इसमें नादौन की मध्यम सिंचाई योजना और हमीरपुर शहर की 63 करोड़ की पेयजल योजना शामिल है.
इसके अलावा धनेटा-बंगाणा सुरंग और जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित बहुमंजिला प्रोजेक्ट भी फाइलों में धूल फांक रहे हैं. शहरवासियों अनिकेत शर्मा, सुरेश ठाकुर, विनोद शर्मा, अश्वनी शर्मा और सुनील पठानिया ने प्रदेश सरकार से जिला हमीरपुर के प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा करने की मांग की है.
अब इन परियोजनाओं का दारोमदार हमीरपुर और भोरंज से नवनिर्वाचित दो भाजपा प्रत्याशियों पर है. देखना दिलचस्प रहेगा कि यह दोनों जीते हुए भाजपा प्रत्याशी इन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में क्या भूमिका निभाते हैं.