शिमला. नई शिक्षा नीति के तहत हिमाचल में नए कोर्स शामिल किए जाएंगे. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि इसके लिए शिक्षा मंत्री से भी बैठक कर चुके हैं. नए कोर्स में किन विषयों को शामिल किया जा सकता है, पूरा खाका तैयार कर लिया गया है, जिसे बजट सत्र में पेश किया जाएगा.
शिक्षा के क्षेत्र में अब शुरू होंगे नए कोर्स
इसके लिए सरकार ने पूरी रणनीति भी तैयार कर ली है. नए कोर्स पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर आज के समय की जरुरत बन चुका है. ऐसे में जरूरी है कि नए कोर्स में ऐसे विषय शुरू किए जाएं, जो आज की जरूरत हो. इसमें सरकार नई शिक्षा नीति के तहत डाटा साइंस, रोबोटिक साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे कोर्स शुरू करेगी.
प्राचीन के साथ आधुनिक शिक्षा पर किया जाएगा फोक
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ऐसे विषय शुरू किए जाएंगे, जिसमें छात्र यदि एडमिशन लें, तो भविष्य में उन्हें रोजगार भी मिल सके. प्राचीन के साथ आधुनिक शिक्षा पर भी फोकस किया जाएगा. सुक्खू ने कहा कि वह सरकार में सता के लिए नहीं आए हैं, बल्कि हमारा उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन का है. युवा पीढ़ी के लिए काम किए जाएंगे.
जो बच्चे अनाथ हैं, उनके लिए 101 करोड़ का मुख्यमंत्री सुखाश्रय केंद्र बनाया है. इसमें छह हजार अनाथ बच्चों को 27 वर्ष तक किसी भी कोर्स के लिए सरकार आर्थिक मदद करेगी. ये हिमाचल के ही छात्र होंगे. इसके साथ ही प्रतिमाह चार हजार रुपए देंगे. इसमें होस्टल फीस भी दी जाएगी. इसके साथ ही गरीब बच्चों के लिए बजट में नई योजना लाई जाएगी.
सरकार के पहले बजट में आएगी सारी कार्ययोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा वर्तमान प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. प्रदेश सरकार विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण निर्णय ले रही है, ताकि वह भविष्य की चुनौतियों का सामना कर अपना ध्येय प्राप्त कर सकें. विद्यार्थियों को शिक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले जाएंगे. प्रदेश सरकार ने आगामी 10 वर्षों में संपूर्ण शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और सरकार का पहला बजट शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में केंद्रित होगा.