जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की बड़ी बैठक होगी. इसमें सचिन पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है. इस दौरान राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा राज्य को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत करेंगे.
कांग्रेस का अंदरूनी विवाद खुलकर सड़क पर आ गया है. पहले तो सचिन पायलट अपनी सरकार को घेरने 11 अप्रैल को अनशन पर बैठे, और अब गुरुवार से उन्होंने जनसंघर्ष यात्रा शुरू की है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में भी विधायक खुलकर अपनी बात रख रहे है.
पायलट ने अजमेर से पैदल यात्रा की शुरुआत की तो जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रामसिंह कस्वा ने पायलट और भाजपा नेत्री वसुंधरा राजे के संबंधों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पायलट कहते हैं कि मैं थोड़ा भी वसुंधरा के खिलाफ बोलता हूं तो मेरे ऊपर बड़ा दबाव आता है. मेरे उनसे मधुर पारिवारिक संबंध हैं. पायलट कांग्रेस के माहौल को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश को साधने में लगे हुए हैं, वही कांग्रेस की अंदरुनी कलह पार्टी को कमजोर कर रही है.
रंधावा ने बुलाई बैठक
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दिल्ली में बैठक बुलाई है. इस बैठक में गोविंद सिंह डोटासरा के साथ ही सह-प्रभारी काजी मुहम्मद निजामुद्दीन, अमृता धवन और वीरेंद्र राठौड़ भी मौजूद रहेंगे. हाल ही में अशोक गहलोत ने कहा था कि उनकी पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 2020 में उनकी सरकार को बचाया था. इस पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि सचिन पायलट भी गहलोत पर वसुंधरा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगा रहे हैं. पायलट तो यह भी कह चुके हैं कि गहलोत के आलाकमान सोनिया गांधी या एआईसीसी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे है.
पायलट की जनसंघर्ष यात्रा
सचिन पायलट ने गुरुवार को जनसंघर्ष यात्रा शुरू की, जिसमें वे सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी यात्रा किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि मुद्दों पर आधारित है. पायलट ने दोहराया कि वे डेढ़ साल से भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.