नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मणिपुर में बीते कुछ दिनों में जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है. देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया.
गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर जिले का दौरा किया, जहां आदिवासी महिलाओं ने राष्ट्रीय ध्वज थामे उनका स्वागत किया. राज्य में फैली अशांति के बीच महिलाएं ने अपने हाथ में पोस्टर थामा हुआ था, जिसपर लिखा था कि सिर्फ केंद्र ही समाधान ढूंढ़ सकता है.
गृहमंत्री अमिता शाह ने इंफाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई प्रमुख हस्तियों के साथ मुलाकात की. इंफाल में मुख्यमंत्री सचिवालय में विस्तृत चर्चा हुई जहां कई स्टेकहोल्डर्स ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने का संकल्प लिया. केंद्र ने यह भी कहा कि अफवाहों को दूर करने के लिए BSNL की मदद से टेलीफोन लाइनें भी स्थापित की जाएंगी.
एक महीने पहले आरक्षित वन भूमि से कुकी समूदाय के लोगों को बेदखल करने को लेकर झड़प हुई थी. इस संघर्ष ने छोटे-छोटे आंदोलनों की एक श्रृंखला को जन्म दिया है, क्योंकि भूमि और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर बवाल बढ़ता चला गया.
अनुसूचित जनजाति (एसटी) की स्थिति के लिए मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में आयोजित एक आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान ही झड़प शुरू हुई थी.
खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष ने राष्ट्रपति से की मुलाकात
इधर, दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति मुर्मू से मिला. इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष ने मणिपुर हिंसा को लेकर उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करने की मांग की.
राष्ट्रपति को दिए अपने ज्ञापन में कांग्रेस पार्टी ने कहा कि जांच समिति का गठन सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या रिटायर जज की अगुवाई में होना चाहिए.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि मणिपुर में हालात को सामान्य होने में समय लगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा दो जातियों के बीच संघर्ष थी और इसका उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं था.
जनरल चौहान ने कहा कि मणिपुर की स्थिति का उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है. यह मुख्य रूप से दो जातियों के बीच का टकराव है. यह कानून और व्यवस्था की तरह की स्थिति है और हम राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं. हमने एक उत्कृष्ट काम किया है और बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाई है. मणिपुर में चुनौतियां गायब नहीं हुई हैं और इसमें कुछ समय लगेगा लेकिन उम्मीद है कि हालात जल्द ही सुधरेंगे.