नई दिल्ली. बिहार में हुए ‘सृजन’ एनजीओ घोटाले में एक और भाजपा नेता का नाम सामने आ रहा है. जीटीएम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि उनके द्वारा बनाया जा रहा मॉल बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे की जमीन पर बन रही है. निशिकांत गोड्डा से सांसद हैं. हालांकि कंपनी ने अपने प्रेस-नोट में कहा है कि मॉल में किसी का भी पैसा नहींं लगा है. जबकि एनडीटीवी के मुताबिक ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिसमें सृजन एनजीओ की संंस्थापिका मनोरमा देवी के पुत्र से कंपनी ने फ्लैट बुकिंग की बकाया राशि मांगी है.
जीटीएम के द्वारा जारी प्रेस-नोट में कहा गया है कि भागलपुर में बनाया जा रहा यह मॉल 2008 में ही शुरु हो गया था, तब निशिकांत सांसद भी नहीं थे. प्रेस-नोट में कहा गया है “कई दिनों से अखबारों में यह कहा जा रहा है कि भागलपुर में बन रहे एक बड़े मॉल में सृजन की हिस्सेदारी है और यह मॉल बीजेपी के एक बड़े नेता का है. लेकिन ये गलत है. यह एक प्राइवेट डेवलपर का प्रोजेक्ट है और इसमें न तो सृजन न किसी और की हिस्सेदारी.”
पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कंपनी से सभी कागजात जमा करने को कहा है.
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गैर सरकारी संगठन ‘सृजन महिला सहयोग समिति’ 2003 में झारखंड से भागलपुर में स्थानांतरित हुआ. यह संस्था महिलाओं को प्रशिक्षण और रोजगार दिलाने का दावा करती है. साल 2003 में तत्कालीन जिलाधिकारी के द्वारा शहर के बीचो-बीच मात्र 200 रुपया मासिक किराये पर संस्था को जमीन दे दी गई. जहां इसने अपना मुख्यालय बना लिया.
साल 2007 में संंस्था ने कॉपरेटिव बैंक खोला. आरोप है कि भागलपुर ट्रेजरी(सरकार) का पैसा यहां जमा किया जाता रहा है. पिछले कई सालों से कॉपरेटिव बैंक में जमा किया हुआ सरकारी धन को प्राइवेट जगहों पर लगाया जाता रहा है.
ताजे मामले में नगर विकास योजना के तहत 502 करोड़ की राशि बैंक में जमा की गई थी. सरकार के द्वारा इस राशि से भूमि अधिग्रहण की जानी थी. जबकि यह पूरी राशि गैर सरकारी संगठन सृजन महिला सहयोग समिति के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई. बाद में किसानों का चेक बाउंस होने पर यह मामला खुला. नियम यह भी है कि सरकारी पैसा सिर्फ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ही जमा होना चाहिए. जबकि इस मामले में भी नियमों को ताक पर रखा गया.