शिमला. अर्की कल्याण संस्था द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस समारोह में संस्कृति विशेषज्ञ जगदीश शर्मा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. यहां पर क्षेत्र के सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़े विचारों को रंगारंग कार्यक्रम के माध्यम से पेश किया जाएगा. इस दौरान 4 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पंचायत भवन शिमला में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारी एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहेंगे.
यहां पर जगदीश शर्मा ने कहा कि जिस देश की संस्कृति लुप्त हो जाती है. वह देश कभी सुरक्षित नहीं रहता. पूरा विश्व वसुधैव कुटुंबकम है और इसमें समाये हर देश व राज्य की अपनी संस्कृति होती है. हम सब इसी संस्कृति के तहत आपस में बंधे होते हैं. जब तक यह संस्कृति जिंदा रहती है हमारा वजूद भी बना रहता है.
अर्की तीन रियासतों से मिलकर बना है. जिसमें बाघल, मांगल व कुनिहार क्षेत्र शामिल हैं. अर्की का गौरवशाली इतिहास रहा है. हिमाचल में अर्की क्षेत्र के निवासियों का विशेष योगदान है. क्षेत्र के बहुत से लोग प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं के जरिये अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहे हैं. ब्रिटिश कालीन समय से शिमला के साथ जुड़े होने के कारण अर्की क्षेत्र के लोग राजधानी में कामकाज करते हैं. जिनमें से अधिकतम स्थाई रूप से यहां बसे हैं. उपस्थित लोगों से उन्होने अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की अपील की.
2012 से काम कर रही यह संस्था
संस्था के संयोजक सुरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि अर्की कल्याण संस्था 2012 से कार्य कर रही है. राजधानी में बसे मशहूर व्यक्तियों को वह इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से एक मंच पर लाना चाहते थे.आज अर्की क्षेत्र की पहचान विश्व स्तर पर है. उनका प्रयास है कि वह इस क्षेत्र के विकास के लिए सभी मशहूर लोगों को साथ लेकर आगे गढ सके. अर्की क्षेत्र बागल रियासत का एक महत्वपूर्ण अंग है. इस रियासत की संस्कृति की खास पहचान है. क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर इसके विकास के लिए इस कार्यक्रम के माध्यम से रणनीति तैयार की जाएगी.