कांगड़ा(धर्मशाला). इसमें कोई दो राय नहीं की शिमला विधानसभा क्षेत्र के बाद अगर कोई महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है तो वो है धर्मशाला विधानसभा. प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला की सीट को महत्वपूर्ण माना जाता हैं.
इस विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश कांग्रेस के सचिव और कांग्रेस वरिष्ठ नेता दिग्विजय पुरी ने कांग्रेस से बागी होकर बतौर आज़ाद उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र भरा है.
उनके आज़ाद खड़े होने से यहां के वर्तमान विधायक एवं शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को नुकसान हो रहा है. इन चुनावों में धर्मशाला से सर्वाधिक 13 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है. सुधीर शर्मा को बागी दिग्विजय पुरी के साथ-साथ गोरखा समुदाय से इस रण में उतरे रविन्द्र सिंह राणा से भी मुकाबला करना पड़ेगा.
गौतलब है कि धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में अकेले गोरखा समुदाय के लगभग 10 हजार वोट हैं और पिछले 2012 के विधानसभा चुनावों में गोरखा समुदाय ने कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर शर्मा को अपना समर्थन दिया था और सुधीर शर्मा ने भाजपा के उम्मीदवार किशन कपूर को 5 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी.
मालूम हो कि प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के मुख्यालय और महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला में भाजपा ने पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक बढ़त हासिल की है.
दिग्विजय पुरी ने कहा की सुधीर शर्मा ने कांग्रेस वर्कर की अनदेखी कर पुराने कांग्रेस के लोगों को दरकिनार कर दिया उन्होंने सुधीर शर्मा पर आरोप जड़ते हुए कहा की पिछले 2012 में हुए चुनावों में उन लोगों ने महज 15 दिनों में उनको जिता कर विधानसभा भेजा और वह मंत्री भी बने.