शिमला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे अभी भले ही ईवीएम में कैद हैं. लेकिन हिमाचली रोजाना एक नई सरकार बनाकर गिरा रहे हैं. अफसरों-कर्मचारियों में ऊहापोह की स्थिति है. हाल के दिनों में देखा जा रहा कि अफसर दोनों ही प्रमुख पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. अफसर शायद संभावित मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी नौकरी बचाने या तबादले से बचने के उपाय ढूंढ रहे हों.
अफसर सुबह यहां तो शाम वहां
कौन जीतेगा यह प्रश्न प्रत्याशियों से अधिक कर्मचारियों व अफसरों की धुकधुकी बढ़ा रहा है. यही वजह है कि जो अफसर व कर्मचारी नेता सुबह एक पार्टी में हाजिरी भरते हैं वही शाम होते ही दूसरे पार्टी के नेताओं के इर्दगिर्द नजर आ रहे हैं.
सोशल मीडिया पर भी इन दिनों खूब तस्वीरें वायरल हो रही हैं, कि नतीजे आने से पहले ही किसी को मुख्यमंत्री मान लिया गया है. कौन जीतेगा कौन हारेगा यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है. 18 दिसम्बर को सारी तस्वीर साफ हो जाएगी.
सचिवालय में अफसरों की नाराजगी
वर्तमान सरकार में जिस तरह सचिवालय में वरिष्ठता को दरकिनार किया गया था, उससे अफसरों में खासी नाराजगी है. जूनियर को मुख्य सचिव का जिम्मा देने के कारण ही कई आईएएस अफसर दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर चले गए तो कुछ आधे मन से काम मे डटे हुए हैं. इन दिनों सोशल मीडिया में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि अगर उनके चहेते मुख्यमंत्री नहीं बने तो उनका क्या हश्र होगा. जिस पर तरह-तरह के व्यंग्य व तंज कसे जा रहे हैं.