नई दिल्ली. चीन की दादागिरी के खिलाफ अमेरिका सहित अन्य देश भारत के साथ आ रहे हैं. अमेरीका ने अप्रत्यक्ष रूप से चीन को चेतावनी दे दी है. अमेरिकी युद्दपोत निमिट्ज के कमांडर रियर एडमिरल विलियम बायर्नी ने भारत के खिलाफ हिन्द महासागर क्षेत्र में कोई अनहोनी होने की स्थिति में जापान के साथ मदद करने की बात कही है. वहीं, आस्ट्रेलिया ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ इंडोनेशिया और जापान के सहयोग के साथ काम करने की इच्छा जताई है.
भारत के दौरे पर आई आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशॉप ने कहा कि भारत को लीडर मानने में कोई आपत्ति नहीं है. हिन्द महासागर में भारत-अमेरिका और जापान का संयुक्त सैन्य अभ्यास चल रहा है. अगले साल इसमें आस्ट्रेलिया के शामिल होने की उम्मीद भी है.
जूली बिशॉप विदेश मंत्री के सुषमा स्वराज से मिलीं. इसके साथ ही उनकी मुलाकात पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ भी हुई है. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि समुंद्री क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए भारत को लोकतांत्रिक देशों जापान, आस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया के साथ मिलकर काम करना चाहिए. उन्होनें भारत व बांग्लादेश के बीच के समुद्री सीमा विवाद का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसै, भारत-बांग्लादेश ने अपने विवाद को यूएन नियमों को सुलझाया उसी तरह चीन को भी सामुद्रिक विवाद सुलझानी चाहिए
वहीं, अमेरिकी युद्दपोत निमिट्ज के कमांडर रियर एडमिरल विलियम बायर्नी ने कहा है कि, ”इस अभ्यास का एक मकसद यह भी है कि अगर हिंद महासागर में कोई अंतरराष्ट्रीय संकट पैदा होता है तो जापान व अमेरिका मदद के लिए आगे आ सकते हैं. मालाबार से हम एक-दूसरे को और बेहतर तरीके से समझने लगे हैं ऐसे में किसी भी सामुद्रिक संकट में हम और बेहतर सामंजस्य के तहत काम कर सकते हैं.’
गौरतलब है कि सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में सड़क बनाने को लेकर भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है. भारत ने चीन के द्वारा सीमा पर सड़क निर्माण दल को हटा दिया था. इसके बाद दोनों देशो ने सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है. कुछ दिन पहले चीन की सेना ने युद्धअभ्यास भी किया था.