मंडी (बल्ह विधानसभा). बीते विधानसभा चुनावों में बल्हघाटी के जिस सुकेती खड्ड के चैनलाईजेशन का वादा यहां के प्रतिनिधि ने किया था वो वादा अब तक पूरा नहीं हो सका है. बल्ह के विधायक एवं राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रकाश चौधरी को भी इस बात का पता नहीं है कि चैनलाईजेशन का काम क्यों नहीं हो सका. जनता अभी भी चैनलाईजेशन के इंतजार में है.
मंडी जिला की बल्हघाटी ‘मिनी पंजाब’ के नाम से जानी जाती है. पहाड़ी राज्य में यह ऐसी घाटी है जहां का अधिकतर इलाका मैदानी है और इस मैदानी इलाके के बीचो-बीच सुकेती खड्ड बहती है. मैदानी इलाके में बहने वाली यह सुकेती खड्ड वर्ष भर अमूमन शांत रहती है, लेकिन बरसात में इसका रौद्र रूप हर किसी की रूह कंपा देता है. इस खड्ड में इतना अधिक जलभराव हो जाता है कि पानी खड्ड से बाहर आकर लोगों के खेतों की ओर अपना रूख कर लेता है.
वर्ष 2007 में तो इस खड्ड के पानी ने इतनी भयंकर तबाही मचाई थी कि गुटकर की आटोमोबाईल इंडस्ट्री भी इसकी चपेट में आ गयी थी. यही कारण था कि इस खड्ड के चैनलाईजेशन की मांग उठी और वर्ष 2012 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी ने इसके चैनलाईजेशन का वादा किया. पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी सुकेती खड्ड का चैनलाईजेशन नहीं हो सका है. यहां कि जनता आज भी खड्ड के चैनलाईजेशन का इंतजार कर रही है.
इस बारे में हमने बल्ह से कांग्रेस के विधायक व प्रदेश सरकार में आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी से भी बात की. प्रकाश चौधरी के अनुसार चैनलाईजेशन की डीपीआर बना दी गई थी, लेकिन काम क्यों नहीं हो सका इसकी उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है. मंत्री जी हवाला देते हैं कि केंद्र ने नदी नालों के चैनलाईजेशन पर रोक लगा दी थी जिस कारण यह कार्य भी नहीं हो सका.
बहरहाल सुकेती खड्ड का कहर बरपाने का सिलसिला लगातार जारी है और यहां के किसान अभी भी इस इंतजार में हैं कि शायद इस खड्ड का कभी न कभी तो चैनलाईजेशन होगा ही. लेकिन जनता को अब यह मालूम होने वाला है कि खड्ड के कहर बरपाने का सिलसिला इसी प्रकार से जारी रहने वाला है, क्योंकि यह चुनावी वादा पूरा नहीं हो सका है.