चंडीगढ़: बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में पिछले बुधवार को चार जवानों की हत्या के मामले को बठिंडा पुलिस ने सुलझा लिया है. चार जवानों की हत्या के मामले में पंजाब पुलिस ने घटना के चश्मदीद गनर दिसाई मोहन को गिरफ्तार किया है. उसने आपसी रंजिश के कारण चार जवानों की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी.
एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस घटना की पंजाब पुलिस की टीम जांच कर रही थी. जांच के दौरान जब चश्मदीद गनर दिसाई मोहन को जांच में शामिल कर सख्ती से पूछताछ की गई तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. इसने अपने निजी कारणों के कारण चारों जवानों की हत्या के लिए पहले राइफल चोरी की, फिर उसी राइफल से चारों की गोलियां मारकर हत्या कर दी. आरोपी अविवाहित है और आंध्र प्रदेश का रहने वाला है.
सीसीटीवी फुटेज से मिले क्लू
पुलिस एवं सेना अधिकारियों ने घटना के बाद कैंट के हर एक गेट की सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो स्पष्ट हुआ कि जवानों की हत्या के लिए कोई भी बाहरी व्यक्ति उस समय कैंट अंदर दाखिल नहीं हुआ बल्कि अंदर से ही कातिल आए थे.
गुरुवार एवं शुक्रवार को सेना अधिकारियों और पंजाब पुलिस की टीम ने कैंट के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की तो पाया कि जिस समय यह घटना हुई उस समय और उससे पहले कोई भी ऐसा संदिग्ध व्यक्ति कैंट एरिया में दाखिल नहीं हुआ जो जवानों की हत्या को अंजाम दे सके. अफसरों की जांच में यह स्पष्ट हो चुका था कि जवानों की हत्या करने वाले अंदर से ही आए थे.
चश्मदीद वार्ड कर्मी ने कुर्ता पायजामा पहने दो लोगों के आने की बात कही थी
घटना के चश्मदीद वार्ड के कर्मी ने यूनिट के मेजर शुक्ला को बताया था कि दो व्यक्ति सफेद कुर्ता पायजामा पहनकर आए थे और हत्या करने के बाद मौके से फरार हो गए थे. इस मामले में थाना कैंट पुलिस ने मेजर शुक्ला के बयान पर दो अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था.
घटना वाली शाम को सेना ने छावनी के जंगलों से एक इंसास राइफल बरामद कर ली थी. जिसको फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. वहीं सेना ने बडे़ स्तर पर सर्च अभियान चलाया. हेलीकॉप्टर और ड्रोन से कैंट के जंगलों की जांच की लेकिन आरोपियों के बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. हालांकि बताया जा रहा कि दिल्ली स्थित सेना हेडक्वार्टर से आई एक टीम भी जांच कर रही है.
छावनी में रहने वाले सभी सैनिकों के रिकार्ड की हुई थी जांच
सेना ने छावनी में रहने वाले सभी सेना कर्मियों के रिकार्ड को भी चेक किया था. एसपीडी अजय गांधी के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की एक टीम भी जांच में जुटी हुई थी.