बिलासपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि केंद्र सरकार के अधीन नौकरी कर रहे डाक्टर अब 62 के बजाय 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे. इसकी जानकारी उन्होने बिलासपुर में पत्रकार वार्ता करके दी. नड्डा ने बताया कि केंद्र सरकार की कैबिनेट ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक फैसला लिया है.
नड्डा ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहाकि इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति आयेगी और अनुभवी डाक्टरों का लाभ मरीजों को मिल सकेगा. नड्डा ने कहा कि इसमें उन सभी डॉक्टरों को शामिल किया गया है जो केंद्र सरकार के तहत रेलवे, मिलिटरी, मैडिकल शिक्षा, लेबर डिपार्टमेंट, आयुर्वेद व डेंटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
1500 डॉक्टरों को मिला सीधा फायदा
नड्डा ने कहा कि इस फैसले से दो दिनों के भीतर रिटायर होने वाले 1500 डाक्टरों को सीधे तौर पर लाभ होगा. नड्डा ने कहा कि वह इस फेसले के लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र ने पहल कर दी है अब इसे राज्य सरकारें अपनी-अपनी कैबिनेट में पारित करके लागू कर सकते हैं.
नड्डा ने बताया कि इससे वर्तमान स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी. इसके साथ ही मरीज-डॉक्टर अनुपात को भी बेहतर किया जा सकेगा. उन्होने कहा कि वह स्वास्थ्य सेवाओं में एक नयी क्रांति लाना चाहते हैं और इसके लिये प्रयास जारी है. उन्होंने बताया कि वह एम्स से सेवानिवृत होने वाले प्रोफेसर रैंक के डाक्टरों को भी दुबारा नौकरी पर रखने वाले हैं ताकि उनके अनुभव स् मरीजों को लाभ मिल सके.