नई दिल्ली. हाल ही में छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में एक जरुरी फैसला लिया है. अब बिहार सरकार 50 साल से अधिक अध्यापकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी. सरकार ने यह फैसला इस बार आए 10वीं और 12वीं के खराब नतीजे को देखकर लिया गया. वहीं, मुख्यमंत्री ने गुरुवार को इस प्रस्ताव की मंजूरी दे दी है.
शिक्षा विभाग के बैठक के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है. इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णा नंदन और प्रसाद वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
इस साल बिहार में करीब 250 विद्यालय ऐसे हैं, जिसमें 10 वीं व 12वीं की परीक्षा में एक भी छात्र सफल नहीं हुए. ऐसे में नीतीश सरकार जीरो रिजल्ट लाने वाले स्कूलों के 50 साल से अधिक उम्र के टीचरों को सरकार अनिवार्य सेवानिवृत्ति देगी. बता दें कि इस बार बिहार में 50.32 प्रतिशत छात्र ऐसे हैं जो ग्रेस मार्क्स मिलने के बाद पास हुए हैं, और बाकि फेल. पिछले साल के नतीजे इससे भी ख़राब थे. 2016 में महज 44.66 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए थे.