हिमाचल विंटर सेशन. कर्ज की सीमा बढ़ाने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध संशोधन विधेयक 2023 को सदन के समक्ष रखा. प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में खर्चे पूरे करने के लिए सीमा से अधिक कर्ज लेगी.
इसे शुक्रवार को पारित किया जाएगा. केंद्र सरकार से कर्ज की सीमा बढ़ाने की अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में संशोधन विधेयक पारित करने का निर्णय लिया है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानी राज्य के जीडीपी का तीन प्रतिशत से अधिक कर्ज नहीं ले सकती है.
विधेयक के प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना के तहत आधारभूत संरचना परियोजनाओं के वित्त पोषण के चलते यह व्यवस्था की जा रही है. इसके तहत 50 वर्ष की अवधि तक ब्याज मुक्त ऋण और राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए इन सीमाओं के अंतर्गत ऋण लिया जा सकेगा.
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को जीएसटी (वस्तुएं एवं सेवाएं कर) रिटर्न के सरलीकरण से जुड़ा एक अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक भी सदन के पटल पर रखा. इसमें केंद्र सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 43वीं और 45वीं बैठकों में सुझाए गए वित्तीय अधिनियम के संशोधन शामिल किए गए हैं.
विपिन सिंह परमार ने उठाया व्यवस्था का प्रश्न
शीत सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सुलाह के भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि गुरुवार को राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, तो नेता प्रतिपक्ष को वह प्रोटोकॉल नहीं दिया गया, रिसीव करने वालों में उनका नाम नहीं था. विधानसभा शुरू होने से पहले जिस तरह से तालियां बजीं. कांग्रेस के एक नेता अधिकारियों की गैलरी में बैठ गए. भविष्य में इस तरह की व्यवस्था बनाई जाए, जिससे कि यह सब न हो.
स्पीकर कुलदीप पठानिया ने कहा कि इस बारे में राष्ट्रपति कार्यालय और राजभवन से प्रोटोकॉल तय किया गया है, उसमें स्पीकर, सीएम की तरह नेता प्रतिपक्ष को लेकर स्पष्ट नहीं किया गया है, अदर्स नहीं लिखा गया है. इसके बावजूद भविष्य में इस बात को देखा जाएगा.
एक राष्ट्र, एक कर की धारणा लक्षित
विधेयक के प्रस्ताव के अनुसार, केंद्र और राज्य स्तर के लगभग सभी अप्रत्यक्ष करों की एकरूपता के लक्ष्य से किया गया है. इसमें एक राष्ट्र, एक कर की धारणा लक्षित है. हिमाचल प्रदेश माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2023 को सदन के पटल पर प्रस्तुत करने के बाद शुक्रवार को पारित किया जाएगा.
कुलदीप सिंह पठानिया के विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हम छात्र राजनीति से राजनीति में आए हैं, उसी तरह आपकी राजनीति भी एसएसयूआई से शुरू हुई. जब मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था, तब आप पार्टी के मुख्य प्रवक्ता थे. आप मेरे से पहले युवा कांग्रेस की राजनीति में आए. 1985 में पहली बार नौजवान विधायक बनकर इस सदन को सुशोभित किया था. सदन का संचालन आप नियमों के अनुसार करेंगे.