शिमला: चिंतपूर्ण मंदिर में पैसे देकर वीआईपी दर्शन के फैसले पर भाजपा भड़क गई है. भाजपा विधायक व पूर्व सरकार में मंत्री रहे बिक्रम ठाकुर का कहना है कि सरकार आपदा में अवसर ढूंढ रही है. देवभूमि हिमाचल में मंदिरों में वीआईपी दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे, यह देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है.
सरकार के इस निर्णय का भाजपा पूरी तरह से विरोध करती है. उन्होंने सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से मेरा प्रश्न है कि यह कौन सा व्यवस्था परिवर्तन है, जहां लोगों को मंदिर के दर्शन करने के लिए भी शुल्क चुकाना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने वीआईपी कल्चर को खत्म किया है, लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार मंदिरों में भी वीआईपी कल्चर को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए मंदिर शुल्क के माध्यम से पैसा एकत्रित करने का प्रयास प्रदेश सरकार द्वारा हो रहा है. मंदिरों में दर्शन के लिए शुल्क लगाया जाना लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ है और भारतीय जनता पार्टी इस बात का विरोध करती है.
उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि अपनी सरकार चलाने व सीपीएस का खर्चा जुटाने के लिए इस तरह के तुगलकी फरमान सरकार द्वारा जारी किए जा रहे हैं, तो उन्हें मेरा सुझाव है कि अन्य कोई साधन खोजे. देवभूमि में लोगों की आस्थाओं के साथ न खेले.
आपदा में अवसर ढूंढ रही सरकार
मुख्यमंत्री लोगों को राहत देने के बजाय प्रतिदिन इस बात पर विचार करते नजर आते हैं कि प्रदेश कि गरीब जनता की जेब से पैसा निकालने के लिए कौन सा नया कानून बनाया जाए. लोगों की आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार को हिमाचल की जनता जल्द ही आईना दिखाएगी.