शिमला. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज शिमला में एक विशेष समारोह में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा का ‘घोषणा पत्र’ के स्थान पर ‘दृष्टि पत्र’ जारी किया।
रणधीर शर्मा ने कहा कि दृष्टि पत्र बनाने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने प्रदेश भर का दौरा कर और युवाओं से सुझाव लेने के बाद तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद हिमाचल प्रदेश को स्वर्णिम बनाना है।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, शांता कुमार, थावर चंद गहलोत, सतपाल सत्ती, मंगल पांडे, वीरेंद्र कश्यप, रणधीर शर्मा और प्रवीण शर्मा भी शामिल रहे।
जानिये क्या हैं दृष्टि पत्र के मुद्दे:
- गुड़िया कांड को भाजपा ने बनाया प्रमुख मुद्दा
- होशियार सिंह वैन रक्षक मर्डर
- युग मर्डर कांड
- वन और ड्रग माफिया से निजात पाने के लिए सीएम कार्यालय में शुरू होगी होशियार हेल्पलाइन
- सभी विधायक हर वर्ष अपनी आय घोषित करेंगे
- सभी सरकारी कार्यालयों को फ्री वाई फाई सुविधा मिलेगी।
- रूसा को बदल जायेगा
- संस्कृत कालेज खोले जाएंगे
- आपातकालीन सेवा के लिए हेली एम्बुलेंस
- चोरी-डकैती रोकने के लिए गठित होगी मेजर सोमनाथ वाहिनी जिसमें पूर्व सैनिक होंगे।
- कालेज छात्रों को लैपटॉप दिए जाएंगे
- 2022 तक किसानों की मदन दोगुना की जाएगी
- राज्य में बागवानी विश्वविद्यालय स्थापित होगा
- महिला सुरक्षा के लिये 24 घंटे की हेल्पलाइन गुड़िया योजना शुरू होगी
- बीपीएल छात्रों को स्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी
- पर्यटन के लिए नए स्थल विकसित होंगे
अरुण जेटली की प्रेसवार्ता
भाजपा के स्वर्णिम हिमाचल दृष्टि पत्र जारी करने के मौके पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हिमाचल सरकार की पहले दिन से ही कोई विश्वसनीयता नहीं रही। केवल खुद को बचाने के लिए ही कार्य करती रही। इस कारण जिस मकसद से सरकार चुनी गई थी वह पूरा नहीं हो सकता।
जेटली ने कहाकि इस विजन डॉक्यूमेंट में सभी बिंदुओं पर फोकस किया जाएगा। भाजपा सरकार बनी तो 5 नहीं 10 साल का काम करना पड़ेगा क्योंकि बीते 5 साल में तो काम हुए ही नही हैं. केंद्र ने हिमाचल को काफी अधिक मदद की है जितनी आज से पहले कभी नहीं हुई होगी। राष्ट्रीय स्तर के संस्थान राज्य में लाये गए। सैनिकों के OROP मामले को 40 साल से नहीं निपटाया था। हिमाचल के भी हजारों पूर्व सैनिकों को इसका लाभ मिला।
इसके अलावा वित्त, कश्मीर मुद्दा और जीएसटी पर भी जेटली ने खुल कर अपनी बात रखी.