ऊना(चिंतपूर्णी). हिमाचल प्रदेश चुनावों के लिए चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशियों के नामांकन पत्र दाखिल करने
के साथ ही चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है. चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिये
एड़ी-चोटी का जोर लगाने के लिए जुट गये है. प्रत्याशी अपने समर्थकों सहित ‘डोर-टू-डोर’ प्रचार अभियान शुरू करने
के साथ अब जनता से सीधा संपर्क भी साध रहे है.
चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहने की उम्मीद थी, लेकिन बहुजन समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारकर दोनों प्रमुख पार्टियों में हलचल पैदा कर दी है. दोनों पार्टियों में बहुजन समाजवादी पार्टी के कारण अपना दलित वोट बैंक छिटकने का डर बना हुआ है.
इस बार चिंतपूर्णी के विधानसभा के चुनावों में देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी ने दोबारा मौजूदा विधायक कुलदीप कुमार पर अपना भरोसा जताया है. वहीं भाजपा ने भी एक बार फिर बलवीर चौधरी पर दाव खेला है. वहीं, सेवानिवृत सीडीपीओ रणजीत सिंह भी बहुजन समाजवादी पार्टी से इस बार चुनाव में अपनी किस्मत अाजमा रहे हैं. विधानसभा चुनाव 9 नवंबर को होगा और चुनावों के नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे.
क्या हैं नेताओं के मुद्दे?
इस बार चुनावों में प्रचार का समय कम मिलने के कारण सभी प्रत्याशियों ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नुक्कड़ सभाओं के साथ-साथ मतदाताओं के घर में हाजिरी भरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप कुमार अपने पांच साल के कार्यकाल में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विकास कार्यों और केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू की गयी नोटबंदी, जीएसटी के कारण जनता को हुई परेशानी, देश की गिरती अर्थव्यवस्था के बल पर मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझाने पर जोर दे रहे है. उधर, भाजपा के प्रत्याशी बलवीर चौधरी चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में खनन माफिया, नशा माफिया, शराब माफिया, बेरोजगारी व कांग्रेस राज में चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के पिछड़ेपन का मुद्दा लेकर जनता के बीच अपनी हवा बनाने कोशिश कर रहें है.
बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रणजीत सिंह कांग्रेस और भाजपा पर चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र की जनता
को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने का मुद्दा बना कर वोट मांग रहे हैं. चुनावी प्रचार में सभी प्रत्याशी साम-दाम,
दंड-भेद की नीति अपना रहें हैं.
शह और मात के इस खेल में कौन किसे पटकनी देने में कामयाब होता है, यह देखना रोचक होगा. बहरहाल, सभी प्रत्याशी चुनावी नतीजे अपने पक्ष में करने के लिए ताबड़तोड़ प्रचार करने में जुट गए है.