नई दिल्ली. खुले में शौच से गांवों को मुक्त करने तथा ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज अपने बजट भाषण में गोबर-धन (गैलवनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्स धन) योजना के शुभारंभ की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि अवसंरचना विकास, विपरीत सतह सफाई, ग्रामीण स्वच्छता आदि के लिए नमामि गंगे योजना के तहत 16,713 करोड़ रुपये की लागत से 187 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इनमें से 47 परियोजनाएं पूरी हो चुकी है और शेष परियोजनाएं कार्यपालन के विभिन्न चरणों में हैं. गंगा नदी के किनारे बसे 4465 गंगा गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है.
समावेशी समाज निर्माण के विजन के तहत सरकार ने विकास के लिए 115 आकांक्षायुक्त जिलों की पहचान की है. इन जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सिंचाई, ग्रामीण विद्युतीकरण, पेयजल, शौचालय तक पहुंच आदि में निवेश करके निश्चित समयावधि में विकास की गति को तेज किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि ये 115 जिले विकास के मॉडल साबित होंगे.