शिमला. केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2020 को देश के लिए 3 बल्क ड्रग्स फार्मा पार्क घोषित किए थे. इसमें से एक हिमाचल में बनना है, लेकिन 1923 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट आज 4 साल बाद भी कागजों तक ही सीमित है. प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए कंसल्टेंट की तलाश की जा रही है. बिड डॉक्यूमेंट्स और फाइनेंशियल स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाना है.
ऊना के हरोली में 1405 एकड़ भूमि पर बनेगा पार्क
बल्क ड्रग्स फार्मा पार्क जिला ऊना के हरोली तहसील के पोलिया, टिब्बी, मल्लूवाल में 1405 एकड़ भूमि पर बनना है. इस पार्क में लगभग 8000 से 10000 करोड़ का अनुमानित निवेश अपेक्षित है.
1405 एकड़ में प्रस्तावित है प्रोजेक्ट
बल्क ड्रग पार्क पोलियांबीत में चिह्नित की गई 1405 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित है. इसके लिए 1923 करोड़ की लागत आएगी. कुल भूमि के 60 प्रतिशत हिस्से में दवा उद्योग स्थापित किए जाएंगे. चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऊना आकर इस बड़ी योजना का शिलान्यास कर चुके हैं. इसके बाद इसके कार्य को लेकर गति मिली, लेकिन अब सब कुछ धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.
11 अक्टूबर 2022 को मिली प्रोजेक्ट को फाइनल अप्रूवल
1923 करोड़ रुपए के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से अप्रूव होने में 2 साल का समय लग गया. केंद्र ने 11 अक्टूबर 2022 को प्रोजेक्ट को फाइनल अप्रूवल दी थी. प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 13 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी.

चुनाव आचार संहिता के चलते प्रोजेक्ट का कार्य बीच में रुक गया. अब इस प्रोजेक्ट को रफ्तार दी जा रही है और योजना को सिरे चढ़ाने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाना है. कंसल्टेंट की नियुक्ति के बाद ही इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
राज्य सरकार ने जारी किए 35 करोड़
प्रोजेक्ट के काम को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने अभी तक कोई भी बजट जारी नहीं किया है. राज्य सरकार ने अपने शेयर की 35 करोड़ की पहली किस्त जारी की है, जिससे कंसल्टेंसी और सर्वे के काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. केंद्र सरकार से इस प्रोजेक्ट के लिए 1118 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलनी है. शेष 804.54 करोड़ रुपए का बजट राज्य सरकार को वहन करना है.
प्रोजेक्ट के शुरू होने से प्रदेश में लोगो को भी रोजगार मिलेगा
इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से प्रदेश में 12000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलना है, लेकिन इसके लिए प्रदेश के युवाओं को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि यह प्रोजेक्ट अपने शुरुआती दौर पर ही चल रहा है.
इस पार्क के बनने से निवेशकों को उपयोगिता शुल्क और अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में 10 साल के लिए 3 प्रति यूनिट की दर से बिजली, शून्य रखरखाव शुल्क और गोदाम शुल्क के अलावा 35 साल के लिए 1 प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष भूमि दर, स्टांप शुल्क में छूट मिलेगी. इसके अलावा निवेशकों को स्टेट GST में 75% छूट का लाभ मिलेगा.