शिमला. हिमाचल सरकार बेसहारा बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना को कानूनी रूप देने जा रही है. इस योजना को लेकर एक विधेयक विधानसभा में रखा जाएगा, जिसके ड्राफ्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.
योजना के सभी प्रावधान को एक्ट बनाकर लागू किया जाएगा
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के सभी प्रावधानों को एक्ट बनाकर लागू किया जाएगा. इसके तहत अनाथ बच्चों की प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन, आश्रमों में उनकी देखरेख, उनकी शादी, पॉकेट- मनी, घुमने-फिरने का खर्च, लैंड-लेस मकान के लिए जमीन इत्यादि देने के सभी प्रावधान एक्ट के दायरे में लाए जायेंगे. सीएम सुक्खू ने पहली ही कैबिनेट में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना को मंजूरी दी है. इसके तहत अनाथ बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई घोषनाएं की गयी हैं. सदन में इस बिल को पास होने के बाद इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जायगा.
मंत्रिमंडल बैठक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में कैबिनेट ने आगामी सेब सीजन से पहले एचपीएमसी एक्ट की धारा 59 में प्रदत अधिकारों के इस्तेमाल के लिए एपीएमसी के सचिवों के अलावा सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एग्रीकल्चर तथा हॉर्टिकल्चर में विषयवाद विशेषज्ञ से ऊपर के सभी अधिकारियों को अधिकृत कर दिया. ये सेब सीजन के दौरान बागबानों को किसी भी प्रकार की ठगी से बचाएंगे और कारोबार में गलत तरीके इस्तेमाल करने वाले लोगों पर नजर रखेंगे. मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल एक्ट 2003 को रिपील करने का फैसला भी लिया है.
कोरोना को लेकर कैबिनेट में प्रेजेंटेशन
कैबिनेट के सामने कोरोना की ताजा स्थिति पर प्रेजेंटेशन दी गई और मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को अगले दो हफ्ते तक स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है. कैबिनेट ने सैंपल इन बढ़ाने और भीड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क की तैयारी के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि अभी किसी तरह की बंदिशों पर फैसला नहीं हुआ है.