कुल्लू. उपायुक्त यूनुस ने बताया कि महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता और समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए जिला में 1 जनवरी से विशेष जागरुकता अभियान चलाया जाएगा. इसकी कार्य योजना को लेकर जिला के अधिकारियों और गैरसरकारी संस्थाओं के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने यह जानकारी दी. उपायुक्त ने बताया कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक युग में भी महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान घर से बाहर रखा जाता है.
82 पंचायतों में यह कुरीति अब भी जारी है
कुल्लू जिले में प्रथम सर्वेक्षण के दौरान पाया गया है कि लगभग 82 पंचायतों में यह कुरीति अब भी जारी है. सभ्य समाज में इस तरह की कुप्रथा मान्य नहीं है. उपायुक्त ने बताया कि इस अवधि के दौरान महिलाओं को स्वच्छ वातावरण नहीं मिलने से कई बीमारियों लगने की आशंका बढ़ जाती है. इस कुरीति को खत्म करने के लिए जिला के सभी वर्गों का सहयोग लिया जाएगा.
गांव स्तर पर जागरुकता शिविरों का आयोजन
उपायुक्त ने कहा कि मासिक धर्म के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए गांव स्तर पर जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायतीराज संस्थाओं के अतिरिक्त महिला मंडलों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में बदलाव किया जा सके. उपायुक्त ने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों में भी छात्राओं को व्यापक जानकारी दी जाएगी. गांव स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों के माध्यम से भी महिलाओं को जागरूक किया जाएगा.
बैठक में सहायक आयुक्त डॉ. अमित गुलेरिया, सीएमओ डॉ. सुशील चंद्र, उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक जगदीश, जिला कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र आर्य, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच, अन्य अधिकारी और विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी भी उपस्थित थे.