सोलन(कसौली). विकास खंड धर्मपुर के तहत आने वाली ग्राम पंचायत कसौली गढ़खल में मंगलवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया. ग्राम सभा में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को बड़ी ही गम्भीरता से उठाया. ग्राम सभा में यह मुद्दा बड़े ही जोर शोर से उठाया गया कि पंचायत में बाहरी राज्य से आने वाले कारोबारियों व होटल मालिकों को बिना सोचे समझे एनओसी न दी जाए. क्योंकि ऐसा करने से स्थानीय गरीब लोगों को पानी की भारी समस्या का सामना करना पड़ता है.
स्थानीय निवासी राजीव व चेतन कुमार ने पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा होटल मालिकों द्वारा पानी व रास्ते के लिए एनओसी ली जाती है. अधिकतर ग्रामीणों को उस बारे में कोई जानकारी नहीं होती. उन्होने यह भी आरोप लगाया कि ग्राम सभा में अनपढ़ व कम पढ़े लिखे लोगों से बिना जानकारी दिए हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं. जबकि अन्य लोगों को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं होती है. वहीं स्थानीय लोगों को होटल मालिकों को बोरवैल की एनओसी देने के कारण भी पानी नहीं मिलता है और लोगो को समस्याएं झेलनी पड़ती है.
बाद में जब ग्रामवासी पंचायत के सामने अपनी समस्याएं लेकर जाते है, उस वक्त पंचायत कुछ भी नहीं कर पाती है. होटल मालिक तो अपना व्यवसाय पानी खरीदकर भी चला सकते हैं. लेकिन जो गरीब लोग वहां रह रहे है वो कंहा जाएंगे.
एंटी ब्राइब एसोसिएशन व स्थानीय लोगों ने पंचायत के समक्ष मांग उठाते हुए कहा कि अगर पंचायत द्वारा एनओसी देने से पहले सभी पंचायतवासियों के साथ विचार-विमर्श किया जाए और एनओसी को स्थगित करने का प्रावधान भी रखा जाए. तो इस समस्या का वाज़िब समाधान निकाला जा सकता है.
सनावर गाँव के स्थानीय लोगों ने पंचायत पर आरोप लगाया है कि अमीर प्रभावी लोगों द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव किया जाता रहा है. 8 परिवारों के अनुसूचित जाति से होने के कारण जातिगत भेदभाव किया जा रहा है. बाकी जो 25 परिवार है वह सामान्य वर्ग से है जिस कारण उन्हें पानी मिलता है. वंही पंचायत प्रधान मधु का कहना है कि आगामी 12 अक्टूबर को बैठक आयोजित की जाएगी और पानी की समस्या का हल निकाल दिया जाएगा.
एंटी ब्राइब एसोसिएशन का कहना है पंचायत का कार्य सभी लोगों की समस्याएं सुनकर उसका समाधान करना है न कि गरीबों की आवाज़ को दबाना.
कसौली गढ़खल पंचायत की महिला प्रधान के पति पर पंचायतों के जन प्रतिनिधियों व एंटी ब्राईव एेसोसिएसन ने अारोप जड़ते हुए कहा कि उक्त महिला प्रधान के पति ने गलत मार्ग दर्शन करते हुए कई जन प्रतिनिधियों के लैटर पर साईन करवा लिए. जिस पर कई जनप्रतिनिधि महिला के पति पर भड़क गए.
बताया जा रहा कि पिछले दिनों महिला के बीड़ीओं के खिलाफ कुछ पंचायत प्रतिनिधिओं द्वारा तानाशाही रवैये और महिला अधिकारी का तबादला कराने हेतु मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया था. जिस पर जिन प्रतिनिधिओं के साईन किए गए उन प्रतिनिधिओं को बिना जानकारी के हस्ताक्षर करवा लिए गए थे.
जिस पर पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी पंचायत के लैटर हेड पर इस बात का खंडन करते हुए कहा, उक्त महिला प्रधान के पति ने गलत मार्गदर्शन कर साइन कराये हैं. हमारे लैटर पर जो हस्ताक्षर है वो बिना किसी जानकारी दिए बिना ही करवा लिए है.