शिमला. गुड़िया रेप-मर्डर केस में सीबीआई ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी को गिरफ्तार कर लिया. पूरी घटना में पुलिस और एसआईटी की संदिग्ध भूमिका सामने आई थी, जिसके चलते 8 पुलिसकर्मियों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी थी.
4 जुलाई को हिमाचल के कोटखाई में दरिंदों ने स्कूल से लौट रही किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म किया, इसके बाद उसकी हत्या कर दी थी. इस प्रकरण में पूरे हिमाचल में विरोध हुए थे. आम जनता के साथ ही तमाम संगठनों ने इसे मुद्दा बनाया था और देशभर में इसकी गूंज सुनाई पड़ी.
आईजी हुए थे गिरफ्तार, एसपी पर था शक
गुड़िया केस में इससे पहले गिरफ्तार किए गए 8 पुलिसकर्मियों में आईजी जहूर जैदी भी शामिल थे. इन अफसरों पर आरोपियों को बचाने और जांच में लापरवाही बरतने के आरोप थे. तत्कालीन सपी नेगी भी शक के दायरे में थे. गुरुवार को सीबीआई ने प्रकरण में 9वीं गिरफ्तारी की. हालांकि सीबीआई की यह पहली गिरफ्तारी है. एसपी से सीबीआई दफ्तर में पूछताछ की गई.
5 दिन की रिमांड पर भेजे गए नेगी
गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने नेगी को शिमला की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया. सुनवाई के बाद अदालत ने नेगी को 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. इस मामले में अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.
90 दिन पूरे होने से पहले दाखिल करनी होगी चार्जशीट
गुड़िया केस के 90 दिन 29 नवंबर को पूरे हो रहे हैं. सीबीआई को इससे पहले ही अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करनी होगी. अन्यथा आरोपियों को जमानत मिल जाएगी. एसपी डीडब्ल्यू नेगी की गिरफ्तारी के बाद उम्मीद की जा रही है कि मामले में कुछ और नई परतें खुलकर सामने आएंगी.
यह था मामला
4 जुलाई को स्कूल की छुट्टी के बाद गुड़िया अपनी सहेली के साथ घर के लिए निकली. रास्ते में उसे एक पिकअप मिला, जिसके चालक राजू ने उसे गाड़ी में बैठने की पेशकश की. गाड़ी में चार अन्य युवक सवार थे. कुछ आगे जाकर पांचों ने गुड़िया को गाड़ी से उतारा और जंगल में घसीट ले गए. वहां बारी-बारी उसके साथ दरिंदगी की और शोर मचाने पर उसे मार डाला.