CBSE बोर्ड का मॉडरेशन काफी दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ जिस कारण इस बार सीबीएसई के रिजल्ट में देरी भी हुई. मानव संसाधन विकास विभाग नियमों में बदलाव कर नंबर बढ़ाकर देने की परंपरा को समाप्त करना चाहता है और वर्ष 2018 से छात्रों को सीबीएसई के बोर्ड एग्जाम में छात्रों को नंबर बढाकर नहीं दिए जायेंगे. मंत्रालय ने इस विषय पर एक इंटर बोर्ड वोर्किंग ग्रुप का गठन किया है. जिसमें आठ बोर्ड शामिल होंगे, जो ग्रेस मार्क्स देने की परंपरा पर रोक लगाने के लिए योजना तैयार करेंगे. ये ग्रुप मिलकर जो भी फैसला करेगा वह बोर्ड को स्वीकारना होगा.
ग्रेस मार्क्स पॉलिसी अलग से की जाएगी अपडेट
ग्रेस मार्क्स पॉलिसी को वेबसाइट पर अलग से अपलोड की जाएगी जिसमें कुछ विषयों के मार्क्स और ग्रेड अलग से देने होंगे.साथ ही साथ असेसमेंट में समानता लाने के लिए दूसरे राज्यों के शिक्षा बोर्ड के साथ सीबीएसई अपने प्रश्नपत्र भी साझा करेगा. नंबर देने की परंपरा पर इस साल से ही रोक लगनी थी परन्तु हाई कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा रखी थी.
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