नई दिल्ली/शिमला. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश में दो सप्ताह तक चले नशीले पदार्थों को नष्ट करने के सबसे बड़े अभियानों में से एक के दौरान 1,032 हेक्टेयर (12,900 बीघा) में अवैध भांग (गांजा) की खेती को नष्ट कर दिया.
कैसे चला पता?
हिमाचल प्रदेश में अवैध भांग (गांजा) की खेती के बारे में ठोस खुफिया जानकारी मिलने पर सीबीएन के अधिकारियों की कई टीमें गठित की गईं और उन टीमों को रवाना किया गया.
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सीबीएन के अधिकारियों ने खुफिया जानकारी का सत्यापन किया और उसके बाद भौतिक सर्वेक्षण किए जिसके परिणामस्वरूप और अधिक दायरे में फैली अवैध खेती का पता चला. इसके बाद जिला प्रशासन, वन विभाग और पुलिस के सहयोग से इस अवैध खेती को नष्ट करने का अभियान शुरू किया गया.
संवेदनशील स्थानों को टैग/चिन्हित करने के लिए जीपीएस निर्देशांक का उपयोग किया गया और ड्रोन का उपयोग अवैध भांग (गांजा) की खेती वाले क्षेत्रों का पता लगाने व निगरानी के लिए किया गया, जिसके परिणामस्वरूप इस पूरे अभियान को काफी सफलता मिली.
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दोहरी रणनीति के तहत कार्य
इस अभियान के दौरान, सीबीएन के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करने के साथ-साथ ग्रामीणों में जागरूकता पैदा करने की दोहरी रणनीति को अपनाया. टीमों के द्वारा शरीर और मन पर नशीले पदार्थों के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करके सामुदायिक एकजुटता के तरीके को अपनाया गया. नशीले पदार्थों की वजह से युवाओं और बच्चों के भविष्य पर मंडराने वाले खतरे के बारे में बताया गया.
ग्राम प्रधानों और सदस्यों को एनडीपीएस अधिनियम के बारे में भी समझाया गया
इसके अलावा ग्राम प्रधानों और सदस्यों को एनडीपीएस अधिनियम के प्रासंगिक दंड प्रावधानों के बारे में भी समझाया गया, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीणों द्वारा गांवों के आसपास अवैध भांग के बागानों को नष्ट करने का प्रस्ताव पारित किया गया. ग्रामीणों ने सीबीएन अधिकारियों की देखरेख में सक्रिय रूप से इस अभियान में भाग लेकर अवैध खेती को नष्ट करने में सीबीएन के अधिकारियों की सहायता की.
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केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो
केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के तहत नशीले पदार्थों के खिलाफ कानूनों का प्रवर्तन कराने वाली शीर्ष एजेंसी है, जिसे इसकी अन्य जिम्मेदारियों के साथ-साथ भांग और अफीम की अवैध खेती की पहचान करने और उसे नष्ट करने का काम सौंपा गया है.
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