नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दौर में से पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में विभिन्न योजनाओं पर सब्सिडी और नगद लाभों के रूप में लगभग 6.18 लाख करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किये है. जो एक रिकॉर्ड है. 2020-21 की तुलना में 2021-22 में 63 फीसदी ज्यादा रकम खर्च की गई है.
वर्ष 2021-22 में सरकार ने कुल 6 लाख 18 हजार करोड़ रुपये खर्च किए
देश के अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार ने कुल 6 लाख 18 हजार करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि इससे एक साल पहले यानी 2020-21 में 5.52 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. कोरोना पूर्व स्तर से देखा जाए तो बीते साल दोगुनी रकम खर्च की गई है. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं पर लगभग 3.8 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे.

आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये 783 करोड़ लेनदेन किए, जो 2020-21 में 603 करोड़ थे. कोरोना के पूर्व साल में यानी 2019-20 में यह संख्या 438 करोड़ थी.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर सबसे ज्यादा खर्च
कोरोना महामारी के चलते लाखों लोगों के काम धंधों पर सीधा असर पड़ा. इससे निपटने के लिए सरकार ने 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की और करीब 80 करोड़ लोगों को दो साल तक मुफ्त राशन का मुहैया कराया. इस योजना ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के दायरे को अचानक काफी बढ़ा दिया. सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के तहत ही अकेले 2021-22 में लगभग 342 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए. इससे लोगों को 2.17 लाख करोड़ रुपये का फायदा मिला.
जनधन बैंक खाता, आधार और मोबाईल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद से हि जनधन बैंक खाता, आधार और मोबाईल (JAM) को बहुत मौके पर प्रचार किया है. मोदी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के बयान का हवाला देते हुए डीबीटी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि पहले गरीबों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा जारी 100 पैसे में से केवल 15 पैसे ही नीचे तक पहुंच पाता था और 85 पैसे भ्रष्टाचार के कारण लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाते थे.
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण में 313 योजनाओं का लाभ
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की शरुआत कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में की थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे आधार और मोबाइल से जोड़ दिया. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के तहत वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 313 योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इसमें पीएम-किसान, पीएम आवास योजना, आयुष्मान भारत और मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान भी डीबीटी के जरिये ही किया जा रहा है.