सुकमा. जिले के भेज्जी-इलारमाडागू क्षेत्र में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मियों सहित तीन लोगों की मौत हो गई है. रविवार को हुए इस मुठभेड़ में सात लोग घायल हो गए हैं. माओवादियों ने इसके साथ ही कई गाड़ियों में आग लगा दी. सुकमा के इराबोर क्षेत्र में हुए एक अन्य मुठभेड़ में एक माओवादी के मारे जाने की सूचना है.
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नक्सल वारदात की तीव्र निंदा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए हमले में सुरक्षा बलों के दो जवानों की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने इस नक्सल वारदात की कड़ी निंदा की है. डॉ. सिंह ने नक्सलियों द्वारा सुकमा जिले में ग्राम एलडमड़गु के पास सड़क निर्माण में लगे एक ठेकेदार के मुंशी की हत्या की घटना की भी तीव्र भर्त्सना की है. डॉ. सिंह ने दोनों शहीद जवानों और दिवंगत मुंशी के शोक-संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है.
उन्होंने कहा है कि सड़क निर्माण में व्यवधान डालकर नक्सलियों ने जन विरोधी और विकास विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है, लेकिन सुरक्षा बलों का मनोबल काफी ऊंचा है. जनता की सुविधा के लिए सड़क, पुल-पुलिया का निर्माण जरूरी है और जनसहयोग तथा सुरक्षा बलों के सहयोग से विकास के ये सभी कार्य आगे भी जारी रहेंगे.
किशोर और किशोरियों को माओवादियों से मुक्त करवाया जाएगा
रमन सिंह ने कहा, ” हमें बच्चों के लिए चलाए जा रहे दो कैंप के बारे में पता चला है. इसमें एक कैंप सुकमा है जहां 70-80 बच्चें हैं वहीं दूसरे कैंप नारायणपुर में में 40-50 बच्चें हैं. इन्हें जबरदस्ती भविष्य के लिए कैडर बनाया जा रहा है. हम इन्हे छुड़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इनका जगह बदला जा रहा है. हम चाहते हैं कि इन बच्चों को स्कूल भेजा जाए, इन्हें कौशल प्रदान किया जाए और आगे चलकर इन्हें जीवनयापन करने योग्य बनाया जाए.”