शिमला. सीमेंट कंपनी और ट्रक यूनियनों के बीच माल ढुलाई दरों को लेकर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए सोमवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के ट्रक ऑपरेटरों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. इस गतिरोध को इस तरह सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है कि दोनों पक्षों को कोई नुकसान न हो.
उन्होंने गतिरोध समाप्त करने पर बल देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए. सरकार इस मामले को अति शीघ्र सुलझाने के लिए प्रयासरत है और मुख्यमंत्री ने इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए मंगलवार को शिमला में कंपनी के उच्च अधिकारियों और ट्रक यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई है.
CM सुक्खू ने बुलाई कंपनी और ऑपरेटरों की बैठक
आज मंगलवार को सुबह 11 बजे सीमेंट कंपनी के अधिकारी एवं ट्रक ऑपरेटरों की बैठक बुलाई गई है. सोमवार को हुई बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चैहान, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप, कंपनी के प्रतिनिधि नवीन जिंदल और दिनेश शर्मा, बरमाणा ट्रक यूनियन और दाड़लाघाट ट्रक यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हुए.
सीएम के साथ मीटिंग में पॉजिटिव रिस्पांस
दाड़लाघाट ट्रक यूनियन कोर कमेटी के सदस्य रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिला है. अब मंगलवार को होने वाली बैठक में सीमेंट कंपनी के सीओ भी शामिल होंगे. इस बैठक में सीमेंट ढुलाई के रेट के विवाद का हल निकल सकता है.
विवाद को सुलझाने के लिए हो चुकीं 15 दौर की वार्ताएं
गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार मध्यस्थता की भूमिका निभा रही है. सरकार की तरफ से अब तक 15 दौर की बैठकें हो चुकी हैं. पहले अधिकारी स्तर पर गतिरोध को तोड़ने का प्रयास किया गया. फिर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर कई दौर की बैठकें हुईं. माल भाड़े के नए रेट तय करने के लिए कंसलटेंट की सेवाएं ली गईं. यहां तक कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में भी बैठक हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही हैं.
सीमेंट विवाद पर आज हो सकता है फैसला
हालांकि एक दौर में ट्रक ऑपरेटर्स सरकार के आग्रह पर 10.20 रुपये माल भाड़े के लिए तैयार भी हो गए थे, लेकिन कंपनी की जिद के आगे बात बनने से रह गई और गतिरोध बढ़ता चला गया. आज मुख्यमंत्री दोबारा ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक करके इस विवाद को सुलझाने का प्रयास करेंगे. बैठक में भाग लेने से पहले ट्रक ऑपरेटरो ने सरकार से मांग की है कि सीमेंट कंपनियो के प्रबंधकों को भी बुलाया जाए, ताकि आमने सामने बात करके इस विवाद को सुलझाया जा सके.