नई दिल्ली. भारत और जापान के बीच बढ़ रहे सहयोग से चीन परेशान हो गया है. चीन के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने क्षेत्रीय देशों के बीच गठजोड़ के बजाए साझेदारी करने की नसीहत दी है.
हाल ही में भारत और जापान के बीच हुए समझौते के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हम इसकी पैरवी करते हैं कि देशों को टकराव के बिना संवाद के लिए खड़े होना चाहिए और गठजोड़ के बजाय साझेदारी के लिए काम करना चाहिए.
हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के भारत आगमन के समय कई समझौते हुए हैं. इनमें 14 विभिन्न समझौतों के साथ ही सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में भी सहयोग करने पर सहमति बनी है. चीन इस इलाके में अपना प्रभाव बढाता रहा है. हाल ही में भारत और जापान के बीच ‘फ्रीडम कॉरिडोर’ बनाने पर भी सहमति बनी है.
चीन इसे ‘वन बेल्ट वन नेशन’ का रणनीतिक जवाब मान रहा है. चीन ने इस परियोजना में भारत को शामिल होने का न्योता दिया था. भारत ने इसे अपनी संप्रभुता पर खतरा बताते हुए इस परियोजना में शामिल होने से मना कर दिया था. जापान भारत को यूएस-2 हथियार प्रदान कर रहा है. भारत और जापान के बीच हो रही हथियारों की डील पर चीन ने टिप्पणी करने से इनकार किया है.