चिंतपूर्णी(ऊना). अम्ब उपमंडलल के तहत ज्वार गांव में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां एक लड़की ने अपने परिवार वालों के साथ रहने के लिए मना कर दिया है. उसने अपना परिवार छोड़ एक बालिका आश्रम को अपना घर बनाना बेहतर समझा.
अलग कमरा दिलवाओ नहीं तो…
ज्वार गांव की रहने वाली 16 वर्षीय लड़की प्रीटी कुमारी के मां-बाप का स्वर्गवास हो गया है. जिसके बाद वह अपने बड़े भाई-बहनों के साथ रह रहीं थीं. न जाने क्या हुआ कि उसने अपने भाई और बहनों से कह दिया कि वह अब परिवार के साथ नहीं रह सकती. उसने मांग की कि उसे एक अलग घर में अलग कमरा दिलवाया जाए और उसका खर्चा वगैरह दिया जाए. इस मांग को परिवार ने इसलिए नहीं माना क्योंकि उन्होंने कहा कि लड़की अभी नाबालिग है ऐसे में उसका अलग और अकेला रहना ठीक नहीं होगा.
नहीं मानी लड़की
लड़की ने मन बना लिया था कि वह अकेले ही रहेगी और हुआ वही. पुलिस को जब मामले का पता चला तो जिला चाइल्ड वेलफेयर वालों को बुलाया गया. जिसकी अध्यक्ष शांति शर्मा खुद उसे समझाने के लिए आईं. पर वह नहीं मानी जिसके बाद कमेटी ने लड़की को गरली के बालिका आश्रम में भेजने का निर्देश दिया. प्रश्न तो यह उठता है कि आखिर उस लड़की के साथ ऐसी क्या दिक्कत हो रही थी, या उसके मन में अलग रहने का ख्याल क्यों आया. खैर वजह जो भी हो लड़की अपना घर छोड़ कर जा चुकी है.